25 हजार से शुरू होकर एक लाख रुपए तक की 11 पेंटिंग्स बिकी
मूमल नेटवर्क, रांची।
जवाहर लाल नेहरू कला केंद्र में 42 पेंटिंग्स से सजी एग्जीबिशन लगी और उनमे से 11 पेंटिंग्स बिक गयीं। इनमें वो पेंटिंग्स शामिल थीं जिनकी कीमत 25 हजार से शुरू होकर एक लाख रुपए तक की थी। ऐसा रांची और पूरे झारखंड में पहली बार हुआ। इस खरीददारी ने रांची के आटिँस्टों की आंखों में यह सपना सजा दिया है कि वे दिन अब दूर नहीं जब यहां भी मेट्रो सिटीज की तरह क्रिस्टी और सॉदबी की पेंटिंग्स की ऑक्शन लगेगी और खरीदनेवाला भी रांची का ही होगा।
मिडिल क्लास फैमिली ने खरीदा
रांची के आर्टिस्ट प्रवीण कर्मकार का कहना था कि सिटी में पेंटिंग्स की अच्छी प्राइस पर सेल होना अच्छी बात है। यह इस बात का संकेत है कि मेट्रोपॉलिटन सिटी की तरह यहां भी कला के कद्रदान पैदा हो रहे हैं। पहले रांची की मिडिल क्लास फैमिली पेंटिंग्स खरीदना अफोर्ड नहीं कर पाती थी, पर अब ऐसा नहीं है। एग्जीबिशन में मेरी दो पेंटिंग्स जिनकी कीमत 20-25 हजार रुपए के बीच है बिकी है और उसे मिडिल क्लास फैमिली के लोगों ने ही खरीदा है। ये दोनों पेंटिंग्स लैंडस्केप पेंटिंग्स थी और दोनों ही अनटाइटल्ड हैं। इनमें झारखंड की खूबसूरत सीनरी को दर्शाया गया है।
यह बहुत बड़ा चेंज है
झारखंड के ही एक नामी आर्टिस्ट जिनकी पेंटिंग भी एग्जीबिशन में सेल हुई है, ने बताया कि रांची के लोगों के माइंडसेट में चेंज आया है। अब लोग पेंटिंग्स को भी असेस्ट के रूप में देखने लगे हैं। आर्ट और आर्टिस्ट्स के स्टैंडर्ड के हिसाब से लोग हाई प्राइस चुकाने के लिए तैयार दिख रहे हैं। पहले लोग किसी का क्रिएशन यानी पेंटिंग्स खरीदने से बेहतर एक पोस्टर खरीदना समझते थे पर अब ऐसा नहीं रहा। यह बहुत बड़ा चेंज है।
आर्टिस्ट हरेन ठाकुर ने बताया कि कला के प्रति लोगों में दीवानगी कैसी है। इसका असर आर्ट गैलरी में लगे
एग्जीबिशन में देखने को मिल रहा था। रांची के बाबला सरकार ने तीन पेंटिंग्स बुक कराई है। वहीं मेकॉन कॉलोनी में रहनेवाली एक म्यूजिशियन फैमिली ने भी नामी आर्टिस्ट सुमन टोप्पो की पेंटिंग्स खरीदी हैं
एग्जीबिशन में विनोद रंजन, शर्मिला ठाकुर और दिनेश सिंह की भी पेंटिंग्स सेल हुई। आर्टिस्ट विनोद रंजन ने बताया कि उनकी बनाई गई पेंटिंग मॉर्डन क्रो 20 हजार रुपए में बाबला सरकार ने खरीदी। उन्होंने बताया कि रांची के लोग डेकोरेटिव पेंटिंग्स खरीदना चाहते हैं, जिसे वे बेडरूम या फिर अपने हॉल में लगा सके।
मूमल नेटवर्क, रांची।
जवाहर लाल नेहरू कला केंद्र में 42 पेंटिंग्स से सजी एग्जीबिशन लगी और उनमे से 11 पेंटिंग्स बिक गयीं। इनमें वो पेंटिंग्स शामिल थीं जिनकी कीमत 25 हजार से शुरू होकर एक लाख रुपए तक की थी। ऐसा रांची और पूरे झारखंड में पहली बार हुआ। इस खरीददारी ने रांची के आटिँस्टों की आंखों में यह सपना सजा दिया है कि वे दिन अब दूर नहीं जब यहां भी मेट्रो सिटीज की तरह क्रिस्टी और सॉदबी की पेंटिंग्स की ऑक्शन लगेगी और खरीदनेवाला भी रांची का ही होगा।
मिडिल क्लास फैमिली ने खरीदा
रांची के आर्टिस्ट प्रवीण कर्मकार का कहना था कि सिटी में पेंटिंग्स की अच्छी प्राइस पर सेल होना अच्छी बात है। यह इस बात का संकेत है कि मेट्रोपॉलिटन सिटी की तरह यहां भी कला के कद्रदान पैदा हो रहे हैं। पहले रांची की मिडिल क्लास फैमिली पेंटिंग्स खरीदना अफोर्ड नहीं कर पाती थी, पर अब ऐसा नहीं है। एग्जीबिशन में मेरी दो पेंटिंग्स जिनकी कीमत 20-25 हजार रुपए के बीच है बिकी है और उसे मिडिल क्लास फैमिली के लोगों ने ही खरीदा है। ये दोनों पेंटिंग्स लैंडस्केप पेंटिंग्स थी और दोनों ही अनटाइटल्ड हैं। इनमें झारखंड की खूबसूरत सीनरी को दर्शाया गया है।
यह बहुत बड़ा चेंज है
झारखंड के ही एक नामी आर्टिस्ट जिनकी पेंटिंग भी एग्जीबिशन में सेल हुई है, ने बताया कि रांची के लोगों के माइंडसेट में चेंज आया है। अब लोग पेंटिंग्स को भी असेस्ट के रूप में देखने लगे हैं। आर्ट और आर्टिस्ट्स के स्टैंडर्ड के हिसाब से लोग हाई प्राइस चुकाने के लिए तैयार दिख रहे हैं। पहले लोग किसी का क्रिएशन यानी पेंटिंग्स खरीदने से बेहतर एक पोस्टर खरीदना समझते थे पर अब ऐसा नहीं रहा। यह बहुत बड़ा चेंज है।
आर्टिस्ट हरेन ठाकुर ने बताया कि कला के प्रति लोगों में दीवानगी कैसी है। इसका असर आर्ट गैलरी में लगे
एग्जीबिशन में देखने को मिल रहा था। रांची के बाबला सरकार ने तीन पेंटिंग्स बुक कराई है। वहीं मेकॉन कॉलोनी में रहनेवाली एक म्यूजिशियन फैमिली ने भी नामी आर्टिस्ट सुमन टोप्पो की पेंटिंग्स खरीदी हैं
एग्जीबिशन में विनोद रंजन, शर्मिला ठाकुर और दिनेश सिंह की भी पेंटिंग्स सेल हुई। आर्टिस्ट विनोद रंजन ने बताया कि उनकी बनाई गई पेंटिंग मॉर्डन क्रो 20 हजार रुपए में बाबला सरकार ने खरीदी। उन्होंने बताया कि रांची के लोग डेकोरेटिव पेंटिंग्स खरीदना चाहते हैं, जिसे वे बेडरूम या फिर अपने हॉल में लगा सके।
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