शनिवार, 25 नवंबर 2017

चंडीगढ़ ललित कला अकादमी की वार्षिक प्रदर्शनी के लिए कृतियां आमन्त्रित

चंडीगढ़ ललित कला अकादमी की वार्षिक प्रदर्शनी के लिए कृतियां आमन्त्रित
स्टूडेंट 30 नवंबर और प्रोफेशनल आर्टिस्ट 10 दिसंबर तक भेज सकते हैं आवेदन
मूमल नेटवर्क, चण्डीगढ़। चंडीगढ़ ललित कला अकादमी वार्षिक कला प्रदर्शनी के लिए कलाकारों से कृतियां आमन्त्रित कर रही है। प्राप्त कृतियों में से श्रेष्ठ तीन कृतियों को प्रोफेशनल कैटेगरी के अन्र्तगत 50-50 हजार रुपए अवॉर्ड दिए जाएंगे। वहीं स्टूडेंट कैटेगरी में 25-25 हजार रुपए के पांच अवॉर्ड दिए जाएंगे। आर्टिस्ट कॉम्पीटिशन या नॉट फॉर कॉम्पीटिशन सेक्शन में हिस्सा ले सकते हैं। पेंटिंग, स्कल्प्चर, ग्राफिक, फोटोग्राफी, ड्रॉइंग, मिक्स-मीडिया, इंस्टॉलेशन आर्ट और मल्टी-मीडिया में काम करने वाले आर्टिस्ट्स अपने आवेदन भेज सकते हैं। आवेदन फार्म सेक्टर-34 स्थित चंडीगढ़ ललित कला अकादमी के ऑफिस के अलावा सेक्टर-10 स्थित गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ आर्ट के महेश प्रजापति, कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर सेक्टर-12 के भीम मल्होत्रा और सेक्टर-10 स्थित गवर्नमेंट म्यूजियम एंड आर्ट गैलरी के विशाल भटनागर के पास उपलब्ध हैं। इसके साथ चंडीगढ़ ललित कला अकादमी की वेबसाइट www.lalitkalachandigarh.com से भी डाउनलोड किया जा सकता है।
स्टूडेंट कैटेगरी के लिए आवेदन व कृतिया जमा करवाने की अन्तिम तिथि  30 नवंबर है जबकि प्रोफेशनल कैटेगरी के लिए अन्तिम तिथि 10 दिसंबर तय की गई है। 

सोमवार, 20 नवंबर 2017

आज शाम होगा राजवंशी की प्रदर्शनी का उद्घाटन

आज शाम होगा राजवंशी की प्रदर्शनी का उद्घाटन
मूमल नेटवर्क, जयपुर। आज शाम अमित राजवंशी की सोलो प्रदर्शनी 'ख्वाब अभी जिन्दा हैं...' का उद्षाटन होगा। मुख्य अतिथि के रूप में महाराजा मानसिंह द्वितीय संग्राहलय के निदेशक यूनुस खीमानी प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे। एक लम्बे अर्से के बाद अजमेर के कलाकार अमित राजवंशी की सोलो प्रदर्शनी का जवाहर कला केन्द्र की परिजात 2 गैलेरी में होने जा रही है।  इस प्रदर्शनी में अमित के काम का नया अन्दाज देखने को मिलेगा।  प्रदर्शनी 23 नवम्बर तक चलेगी।
राजवंशी के साथ ही बांसवाड़ा की तसलीम जमाल की प्रदर्शनी 'उड़ान' का उद्घाटन भी आज शाम को ही जवाहर कला केन्द्र की गैलेरी परिजात 1 में होगा। तसलीम की तीन दिवसीय प्रदर्शनी का उद्घााटन भी यूनुस खीमानी करेंगे।

शहीदों को याद किया, भारत माता के जयकारे

शहीदों को याद किया, भारत माता के जयकारे
मूमल नेटवर्क, जयपुर। अंबेडकर सर्किल स्थित एसएमएस इन्वेस्टमेंट ग्राउंड में चल रहे पांच दिवसीय हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला का कल समापन हुआ। समापन अवसर पर सुबह शहीदों को याद करते हुए उनका वंदन किया गया और शहीद परिवारों का सम्मान किया गया। इस अवसर पर खचाखच भरे पांडाल में देशभक्ति की लहर से ह्रदय जोश और भावनाओं से भरा हुआ था, भावुकता ने उपस्थित जनों की आंखें नम हो रहीं थीं।
प्रथम सत्र के कार्यक्रम परमवीर एवं भारत माता वंदन की शुरुआत शनि धाम के दांती महाराज ने दीप प्रज्वलन कर की। दांती महाराज और आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक गुणवंत सिंह कोठारी ने कहा कि वीर सपूतों की शहादत तभी सार्थक होगी, जब हम भी शहीदों के परिवारों को मान सम्मान देंगे। फाउंडेशन के उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह शेखावत, अद्वैतचरण, समाजसेवी अशोक पाटनी, नीरज लूणावत, मेजर एस.एस. माथुर, जनरल जगजीत सिंह, मेजर जेएस बुंदेला सहित कई मेहमानों ने मंच साझा किया। इस अवसर पर सेना से जुड़े कई परिवारों के साथ गणमान्य लोग मौजूद रहे।
शाम को समापन समारोह में मुख्य अतिथि शनि धाम के दांती महाराज ही रहे। अति विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार दयानंद भार्गव ने भारतीय जीवन पद्धति को सर्वश्रेष्ठ बताया। समारोह में परंपरागत खेलों के साथ इन पांच दिनों में हुई लगभग 45 प्रतियोगिताओं के विजेताओं और वंदेमातरम् गान, सेवा मेले की सभी व्यवस्थाओं के प्रभारियों और कार्यकर्ताओं का सम्मान किया गया। स्कूलों के बच्चों ने देशभक्ति अन्य थीम आधारित लघु नाटिकाओं समेत रंगारंग प्रस्तुतियां दीं। मेले में ह्यूमन केयर सोसायटी की ओर से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ नारी सशक्तिकरण पर नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। 

रविवार, 19 नवंबर 2017

माता-पिता व प्रकृति वंदन से साकार हुई संस्कृति

माता-पिता व प्रकृति वंदन से साकार हुई संस्कृति
मूमल नेटवर्क, जयपुर। भारतीय संस्कृति में प्रथम गुरु के रूप में पूजनीय माता-पिता की वंदना का कार्यक्रम हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा मेले के चौथेे दिन सम्पन्न हुआ। बच्चों ने अपने माता पिता की वंदना की जिसमें कई पीढ़ीयां भी क्रमवार शामिल थीं। सांस्कृतिक मूल्यों को दर्शाते इस दृश्य ने उपस्थित जनों को भाव विभोर कर दिया।
इसी क्रम में पर्यावरण सरंक्षण थीम आधारित धरती माता नदियों एवं प्रकृति के सम्मान के लिए गंगा एवं भूमि वंदन कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। मेले में भगवान महावीर कैंसर चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंद्र की और से रक्तदान शिविर लगाया गया। तेजस्विनी समूह की ओर से शाम को आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं योगा स्टंट बाल नाटिका एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ थीम पर पपेट शो का लोगों ने आनन्द लिया। चित्रकार शिविर में वरिष्ठ चित्रकारों ने चित्र-कृतियों का निमार्ण किया। 5 कुण्डीय यज्ञ में उपस्थित जन समूह ने आहुतियां दीं। सोमवार 20 नवम्बर को मेले का समापन दिवस है।


शनिवार, 18 नवंबर 2017


राजवंशी की प्रदर्शनी 21 से

राजवंशी की प्रदर्शनी 21 से
मूमल नेटवर्क, जयपुर। एक लम्बे अर्से के बाद अजमेर के कलाकार अमित राजवंशी की सोलो प्रदर्शनी जवाहर कला केन्द्र में होने जा रही है। 'ख्वाब अभी जिन्दा है नाम की इस प्रदर्शनी में अमित के काम का नया अन्दाज देखने को मिलेगा। प्रदर्शनी का उद्घाटन 21 नवम्बर को होगा। मुख्य अतिथि के रूप में महाराजा मानसिंह द्वितीय संग्राहलय के निदेशक यूनुस खीमानी करेंगे। प्रदर्शनी 23 नवम्बर तक चलेगी।

गुरुचरण वंदन कार्यक्रम से गुरु-शिष्य परम्परा हुई सजीव

गुरुचरण  वंदन कार्यक्रम से गुरु-शिष्य परम्परा हुई सजीव
मूमल नेटवर्क, जयपुर।
हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा मेले के तीसरे दिन गुरु वंदन कार्यक्रम हुआ।  इसमें हजारों विद्यार्थियों ने अपने आचार्य (शिक्षक) का वंदन किया। गुरुवंदना ओम गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु....से कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ हुआ। बच्चों ने अपने गुरु का पद प्रक्षालन करके पैर के अंगूठों को धोया एवं रोली से पैर के अंगूठे को तिलक कर पुष्प अर्पण किया। इसके बाद तिलक कर आचार्य को श्री फल एवं दुपट्टा भेंट किया गया। मुख्यवक्ता गुणवंत सिंह कोठारी ने आचार्य वंदन परंपरा का महत्व बताया। इस दौरान योगी रमण नाथ महाराज, शिव लहरी, योगी भावना, योगी सुंदर दास, मूलचंद सोनी, सांसद रामचरण बोहरा, विमल अग्रवाल, डॉ. अंकेश सिंह, अमित गर्ग, महेश चंद्र गुप्ता, डॉ. ऋतु मेहरा, अशोक कुमार अग्रवाल, विष्णु गुप्ता एवं सतीश खंडेलवाल ने भी विचार व्यक्त किए।
हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला अंबेडकर सर्किल स्थित एसएमएस इन्वेस्टमेंट ग्राउंड में चल रहा है। कल शनिवार को श्रीकृष्ण योगा थॉन कार्यक्रम हुआ। इसमें सैंकड़ों लोगों ने योगासन किया। इसमें लोगों को स्वस्थ शरीर के लिए टिप्स दिए गए। इसके साथ ही सुबह 9 बजे हेरिटेज विलेज में प्रश्न मंच प्रतियोगिता करवाई गयी। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए।

38वीं छात्रकला प्रदर्शनी के पुरस्कारों की घोषणा

38वीं छात्रकला प्रदर्शनी के पुरस्कारों की घोषणा
प्रदर्शनी की संभावना दिसम्बर के अन्तिम सप्ताह में
मूमल नेटवर्क, जयपुर। राजस्थान ललित कला अकादमी की 38वीं छात्रकला प्रदर्शनी के लिये निर्णायक मण्डल ने राज्य की सर्वश्रेष्ठ 10 कलाकृतियों का चयन कर लिया है।  इस प्रदर्शनी के लिए अकादमी को राज्य भर से 646 कलाकृतियां प्राप्त हुई थीं। इनमें से 79 छात्रों की 103 कृतियों को प्रदर्शन के लिए चुना गया है। पुरस्कार के लिये 10 कृतियों का चयन किया गया है जिन्हें प्रदर्शनी के अवसर पर 5-5 हजार रुपये के नकद पुरस्कार से नवाजा जाएगा। प्रदर्शनी की तारीख अभी घोषित नहीं की गई है। संभावना है कि यह प्रदर्शनी दिसम्बर के अन्तिम सप्ताह में हो।
पुरस्कार के लिए चयनित कृतियां
जयपुर से मुबशेरा बानों की माई होम, मो. समीर खान की पोट्रेट स्टडी-1, संस्कृति अग्रवा की टी स्टॉल, उदित अग्रिहोत्री की कतार-2, उदयपुर से जयेश सिकलंगर की 1.2. .3. .4. .5. .., दिव्या चूण्डावत की दी मोस्ट लव्ड मशीन-2, मुक्ता शर्मा की लाइफ ऑफ इनफिनिटी, वनस्थली से अदिति दाधीच की कलेक्टिव पॉवर एवं शालिनी पॉल की लायब्रेरी-1 तथा कुचामन सिटी से मुकेश कुमार की ब्याह-1

शुक्रवार, 17 नवंबर 2017

2100 कन्याओं का वंदन पूजन


2100 कन्याओं का वंदन पूजन
मूमल नेटवर्क, जयपुर।
हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा मेले के दूसरे दिन कन्या वंदन कार्यक्रम हुआ। इस अवसर पर सवाई माधोपुर विधायक दीया कुमारी मुख्य अतिथी के रूप में उपस्थित थीं। अपने प्रबोधन में दीया कुमारी ने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से हमारी नई पीढ़ी में अच्छे संस्कारों का निर्माण होता है। संस्थापिका, शक्ति पीठ जामडोली साध्वी समदर्शी ने कहा कि इस महाअभियान में समाज को भी साथ जुड़कर संस्कृति संरक्षण का कार्य करना चाहिए। साध्वी सुहृदया, सुशीला, सोनिला, किन्नर अखाड़ा के धर्म गुरु पुष्पा मायी, डॉ. रचना दास, डॉ. वसुधा सक्सेना, डॉ. पूजा अग्रवाल, समाजसेवी विमल सुराणा, मधु शर्मा ने मंच साझा किया। हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा फाउंडेशन के सचिव सोमकांत शर्मा ने सभी बच्चों को शपथ दिलाते हुए भारतीय संस्कृति से जुड़कर जीवन जीने की सीख दी। संस्था के सभी पदाधिकारियों ने सामूहिक रूप से मंच पर कन्या वंदन किया। कन्या वंदन कार्यक्रम के प्रभारी कोमल चौहान ने बताया कि कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक सनातन संस्कृति से जुड़कर लगभग 5000 बच्चों ने हिस्सा लिया।
इस अवसर पर  सीतापुरा निवासी 6 वर्षीय तबला वादक सिदार्थ ने तिरकिट की प्रस्तुति दी, वहीं आकांक्षा और वर्षा ने शास्त्रीय संगीत पर आधरित भजनों की प्रस्तुति देकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मेले में प्रकृति से संस्कृति की ओर प्रयास आर्ट फेस्टिवल के बैनर तले स्कूली स्तर पर चित्रकला प्रतियोगिता में विभिन्न स्कूलों के सात सौ छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। कक्षा 6 से 12वीं तक के विद्यार्थियों ने मुख्य रूप से छह विषयों में आधारित रंग-बिरंगी चित्राकृतियां बनाईं। इनके साथ सैकड़ों चित्रकारों ने अपने हाथ का हुनर दिखाया। शनिवार सुबह 11 से शाम 5 बजे तक कॉलेज डिप्लोमा स्तर पर चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित होगी।
हेरिटेज गांव में राजस्थानी परंपरा लगभग लुप्त हो चुके ठेठ राजस्थानी परम्परा के भजनों लोक गीतों का प्रस्तुतिकरण हुआ।
मूमल ने दर्शाया अनछुआ राजस्थान
मूमल के स्टॉल पर राजस्थान के उन अनछुए स्थानों व उससे जुड़े इतिहास व कला पक्ष के बारे में बताया जा रहा है जो आज तक अधिकांक्ष लोगों की नजरों में नहीं आ पाये हैं। इसके साथ संस्कृत की बहुमूल्य पुस्तकों का भी प्रदर्शन किया जा रहा है।

गुरुवार, 16 नवंबर 2017

हिन्दु सेवा कार्यों की भव्य प्रस्तुति

हिन्दु सेवा कार्यों की भव्य प्रस्तुति
निम्बार्काचार्य श्याम शरण देवाचार्य महाराज ने किया उद्घाटन
मूमल नेटवर्क, जयपुर। अंबेडकर सर्किल स्थित एसएमएस इंवेस्टमेंट ग्राउंड में कल गुरुवार 16 नवम्बर को हिन्दु आध्यात्मिक सेवा मेले का शुभारंभ हुआ। मेले की शुरुआत 2100 बालक-बालिकाओं ने वृक्ष, गौ व तुलसी वंदन से की। शाम 4 बजे मेले का विधिवत उद्घाटन निम्बार्क पीठ सलेमाबाद के निम्बार्काचार्य श्याम शरण देवाचार्य महाराज ने किया। मेले में हिन्दु सेवा संगठनों ने 300 स्टॉलों के साथ अपने सेवा कार्यों की भव्य प्रस्तुति की है। 20 नवम्बर तक चलने वाले इस मेले में परंपराओं, संस्कृति, संस्कार और भारतीय जीवन शैली से साक्षात्कार किया जा सकता है।
मेले का उद्घाटन करते हुए देवाचार्य महाराज ने कहा कि हमारी पुरातन संस्कृति ही भारत की आत्मा है। सनातन संस्कृति विश्व की सबसे समृद्धशाली व्यवस्था है। उन्होंने समाज को इस थीम से जुडऩे की अपील की। इस अवसर पर पूज्य प्रेम सागर महाराज, साध्वी विजया उर्मिलिया, संयोजक हिन्दू धर्म आचार्य स्वामी परमात्मा नंद सरस्वती महाराज का भी संत सान्निध्य रहा। उद्घाटन अवसर पर हरिद्वार से लाए गंगाजल की पूजा अर्चना व आरती की गई। यह गंगाजल मेले के समापन पर सभी को वितरण किया जाएगा।
इससे पूर्व सुबह मेले की शुरुआत वृक्ष, गौ, तुलसी वंदन से की गई। इस अवसर पर  सेवा भारती के क्षेत्रीय संगठन मंत्री मूलचंद सोनी, बालमुकुंद बालकृष्ण महाराज, आर्ष संस्कृति दिग्दर्शक ट्रस्ट के पं. विजयशंकर, महेश कुमार नामा, वंदना द्विवेदी, देवीनारायन पारीक ने मंच साझा किया। पहली बार मेले में कला व कलाकारों को भी सम्मिलित किया गया है।
हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा मेले के दूसरे दिन आज सुबह कन्या सुवासिनी वंदन किया गया। इसमें 2100 कन्याओं का विधिवत पूजन किया गया। आज मेले के प्रमुख आकर्षणों में चित्रकला प्रतियोगिता व सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं।
पांच दिवसीय इस सेवा मेले में लगभग तीन सौ संस्थाओं की स्टॉल्स लगाई गई हैं। इसमें सेवा कार्यों का लेखा जोखा प्रदर्शित किया गया है। इसमें प्रमुख रूप से अक्षयपात्र, पतंजलि योग पीठ, स्वामीनारायण मंदिर, माता अमृतानंदमयी देवी ट्रस्ट केरल, प्रजापिता ईश्वरीय ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय, स्वामी विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी, गीता प्रेस गोरखपुर, श्री रामकृष्ण परमहंस मिशन, विश्व जाग्रति मिशन, अखिल विश्व गायत्री परिवार, राष्ट्रीय सिख संगत, नारायण सेवा संस्थान, मूमल, शुभदा, भगवान महावीर चिकित्सालय अनुसंधान केंद्र, पार्वती सेवा संस्थान, सूर्य मिलन योग शिविर संस्थान आर्ष संस्कृति दिग्दर्शक ट्रस्ट सहित अन्य प्रमुख संस्थाओं की स्टॉल लगाई गई है। इसके साथ ही नाथ समाज, योगी समाज, ब्राह्मण समाज, रावणा समाज, क्षत्रिय युवा संघ, जोगनिया समाज, अग्रवाल समाज सहित कई सामाजिक संस्थाओं का प्रतिनिधित्व इन स्टॉल्स में हैं। राजस्थान के कई जिलों के साथ भोपाल, गाजियाबाद, गोरखपुर सहित कई प्रदेशों के संगठन भी इस मेले में अपने सेवा कार्यों को प्रस्तुत कर रहे हैं।  मेले के प्रमुख उद्देश्यों में स्कूली बच्चों को पारंपरिक जीवन शैली व संस्कारों से परिचित करवाना शामिल है।
मेले के प्रमुख उद्घाटन के साथ कला व संस्कृति के लिए कार्यरत संस्थान 'मूमलÓ की स्टॉल का उद्घाटन संस्कृत विद्वान व महामहिम राष्ट्रपति से सम्मानित मनीषी आचार्य डॉ. नारायएा शास्त्री काङ्कर ने किया। इस अवसर पर बड़ी चौपड़ स्थित प्राचीन राधा-गोविन्द मन्दिर के महंत डॉ. संजय गोस्वामी व अन्य सम्मानित अतिथी उपस्थित थे।


गुरुवार, 9 फ़रवरी 2017

चाकू से सृजन चमत्कार



  चाकू से सृजन चमत्कार
डॉ. रीता पाण्डे का नाम आते ही वो दृश्य आंखों के आगे सजीव हो उठता है जिसमें डॉ. पाण्डे बहुत ही सहजता के साथ कटीले चाकू का ब्रश बना कैनवास पर रंगों के संसार को सजीव कर रही होती हैं।  राजस्थान ही नहीं वरन् पूरे भारत में बहुत ही कम आर्टिस्ट हैं जो नाइफ पेन्टर के रूप में जाने जाते हैं। इन कुछ एक विशिष्ट कलाकारों में शामिल है, डॉ. रीता पाण्डे का नाम।
नाइफ से कैनवास पर सजाए गए उनके रंगों की लयात्मकता अक्सर थ्री डी इफैक्ट पैदा करती है। दृश्य चित्रण इनका प्रिय विषय है। इनके द्वारा चित्रित प्रकृति चित्रण देखने वाले को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं। उनके चित्रों की एक और खासियत है कि जिन स्थानों पर भ्रमण कर चुकी हैं, वो तमाम सीन इनके चित्रों में अंकित हो जाते हैं। दृश्य चित्रण के साथ ही यह खूबसूरत फूलों को भी चित्रित करती हैं। इनके द्वारा कैनवास पर उकेरे गए फूलों की छटा उनके सजीव होने का आभास देती है।
मेरठ से ड्राईंग व पेंटिंग मे स्नातकोत्तर तथा राजस्थान विश्वविद्यालय से डाकटरेट की उपाधि प्राप्त करने के साथ इस कलाकार ने अपनी अभिव्यक्ति के माध्यम के रूप में ब्रश के स्थान पर नाइफ को चुना और इसमें पारंगतता प्राप्त की। रुड़की में पूरे 14 बरस नाइफ पेंटिंग की अलख जगा कई युवाओं और महिलाओं को इस विद्या के प्रति प्रेरित उन्हें यह हुनर सिखाया। नाइफ पेंटिंग को समर्पित डॉ. रीता पाण्डे आज भी अपनी जयपुर स्थित आवास पर इस हुनर का प्रशिक्षण स्नातकोत्तर स्तर तक के विद्यार्थियों को दे रही हैं।

Knife Painting
Painting with a knife is a bit like putting butter or jam on bread and produces quite a different result to a brush. Painting knives are excellent for producing textured, impasto work and sweeping areas of flat color as well as tiny shapes of color.
A Painting knife is an artist’s tool with a flexible steel blade used to apply paint on the canvas. It has a pointed, sharp tip, lowered or “cranked” like a trowel, suited for painting on canvas. The blade can be of different lenghts and shapes: triangular, rectangular or more diamond like. A painting knife is different from a palette knife which has a straight wide blade and a rounded tip, better suited for mixing paints on the palette.