गुरुवार, 28 नवंबर 2013

मंगलवार, 19 नवंबर 2013

जयपुर में दिल्ली की 'अनुगूंज'

         
मूमल नेटवर्क, जयपुर। दिल्ली की कलाकृति फाउंडेशन की ओर से प्रतिवर्ष की जाने वाली चित्र प्रदर्शनी जयपुर के जवाहर कला केंद्र में 19 नवम्बर से 25 नवम्बर तक चली।
जेकेके की सुदर्शन आर्ट गैलरी में 'अनुगूंज-2013' के नाम से हुई इस प्रदर्शनी में इस वर्ष  प्रशांत सरकार और कीर्ति सरकार के साथ हर्षित वालिया, मंजीत कौर, एम.आई. शाक्य, मुख्यार काजी, सतीश कुमार, शिवानी माथुर, वी.पी. गौतम व राजर्षी अधिकारी की कलाकृतियां प्रदर्शित की गई। नई दिल्ली के कलाकार और 'कलाकृति फाउंडेशन' के संस्थापक प्रशांत के. सरकार ने 'टूगेदरनेस' शीर्षक से बनाई पेंटिंग में मां व बच्चों के जरिए राष्ट्रीय परिपेक्ष्य मेंं एकता के भाव प्रदर्शित किए।
जबकि कोलकाता के गर्वमेंट कॉलेज आफ आर्ट एंड क्राफ्ट से शिक्षित राजर्षी अधिकारी ने मिनिएचर का आभास देती अपनी कलाकृतियों में आकार को नए आयाम दिए।
फाउंडेशन द्वारा इस साल एग्जीबिशन में शामिल की गई कलाकृतियों में टूगेदरनेस सहित सजदा, ग्लो वमर्स एंड बुद्धा, ग्लो लाइट, वेटिंग, शकुंतला और बिस्मिल्लाह खां जैसी पेंटिंग्स आकर्षण का केंद्र रहीं।
देखें  कलाकृति फाउंडेशन

शुक्रवार, 15 नवंबर 2013

विनय शर्मा का नया स्टूडियो

सुकून का एहसास

मूमल नेटवर्क, जयपुर। शहर के जूझारू कलाकार विनय शर्मा ने अपने जगतपुरा स्थित नये स्टूडियो काम-काज शुरू कर दिया है। पिछले दिनों विनय ने देश के प्रमुख वरिष्ठ कलाकारों को यहां आमंत्रित कर इस नई शुरूआत का साक्षी बनाया।
नामी-गिरामी कलाकार देखेने आए
इस मौके पर चित्रकार जतिन दास, प्रभाकर कोल्टे, आरबी भास्करन, दीपक शिंदे, गोपी गजवानी और मंजू नाथ कामथ सहित करीब 20 चित्रकार उपस्थित थे। स्टूडियो में कलाकारों की शुभकामनाओं के लिए दीवार पर एक विशेष खिड़की नुमा फलक तैयार किया गया था। कलाकारों ने इस कैनवास पर अपने हस्ताक्षर किए और शुभकामना संदेश भी लिखे।
स्टूडियो को दो खण्डों में विभाजित किया गया है। एक जहां विनय पेंटिेग करेंगे, यहां इनकी पेंटिंग्स प्रदर्शित की गई हैँ। दूसरा खण्ड विनय के बेहतरीन इंस्टालेशन्स से सजा हुआ है। यह वो जगह है जहां पर किसी भी कलाप्रेमी को घंटों तक रोका जा सकता है। स्वयं आने वाले का मन यहां से बाहर नहीं निकलना चाहेगा।
बीते काल की सैर करवाने में समर्थ
पुरानी बहियों के पन्नों, स्याही की बिखरी टिकिया, पुराने दवात-कलम की महफिल और ऊपर सजे झाडफ़ानूस के साथ संगीत की  लहरियों के बीच इतिहास की आलौकिक की सैर करवा देता है। यहीं पर एक कोना करीब सौ साल पुराने एक दर्जन से भी अधिक रेडियो सेट्स से सजाया गया है जो रेडियो इतिहास को जानने-समझने के लिए उत्सुक कर देता है। एक तरफ पुराना चूड़ी बाजा कहाने वाला ग्रामोफोन और उस पर चल रहे रिकार्डस से निकलते गीत के बोल वहीं उसके आस-पास बने रहने को मजबूर कर देते हैं। पुराना हारमोनियम, सितार, पुराने घरों की खिड़की-दरवाजों और फर्नीचर से सजा यह कक्ष इतिहास की गहरी अनुभूतियों के साथ कहीं बीते काल की सैर करवाने में समर्थ हैं।
इंस्टालेशन को मिलेंगे नए आयाम 
विनय की भावनाओं से अहसास होता है कि उनका यह कला संसार आने वाले दिनों में एतिहासिक कल्पनाओ के इंस्टालेशन से नित नए इतिहास रचता रहेगा। भागती-दौड़ती-जिन्दगी को सकून देते हुए यहां देर तक ठहरने के लिए मजबूर करती यह दुनियां एक हद तक समय को कुछ देर रोके रखने का सफल प्रयास कहा जा सकता है।


मंगलवार, 12 नवंबर 2013

Jaipur Art Summit सम्पन्न


  • अंतिम दिन आर्ट समिट में राज्यपाल फिर पहुंची
  • आर्ट कै प के दौरान तैयार कलाकृतियों के बारे में ली विस्तृत जानकारी
  • मुगल-ए-आजम के पोस्टर को देख राज्यपाल ने कलाकार को दी दाद


मूमल नेटवर्क, जयपुर।
प्रोग्रोसिव आर्टिस्ट ग्रुप(पैग) की ओर से आयोजित जयपुर आर्ट समिट का समापन राज्यपाल मारग्रेट अल्वा की उपस्थिति में हुआ। राज्यपाल होटल क्लाक्र्स आमेर में पहुंची और आर्ट कैम्प के दौरान नामी-गिरामी चित्रकारों द्वारा तैयार कलाकृतियों को निहारा और उन्हें दाद भी दी।
जवाहर कला केंद्र में तैयार किए गए मुगल-ए-आजम के पोस्टर को आज विशेष तौर पर राज्यपाल के अवलोकनार्थ क्लाक्र्स आमेर लाया गया जहां उन्होंने इस पोस्टर को बेहद पसंद किया और कलाकार हरिओम से इस लुप्त होती कला के बारे में जानकारी ली। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि वह कला समीक्षक नहीं हैं, लेकिन उन्हें कला को देखना अच्छा लगता है, उसकी प्रशंसा करना अच्छा लगता है और वह वही करती हैं।
राज्यपाल ने कहा कि जयपुर कला का गढ़ है ऐसे आयोजनों कला और कलाकारों का संबल मिलता है।
गौरतलब है कि जयपुर आर्ट समिट की शुरुआत से लेकर लगातार पांच दिनों तक आर्ट कैम्प में अंजनी रेड्डी, अंजलि इला मेनन, बीएम कामथ, दीपक शिन्दे, गोपी गजवानी, जय जरोठिया, जतिनदास, के.मुरलीधरन, प्रभाकर कोलटे, आरबी भास्करन, रेन्टा वोन होस्सले, एसजी वासुदेव, शांति दवे, श्रीधर अय्यर, सुनील दास और विनोद शर्मा ने विभिन्न विषयों पर अपनी कलाकृतियां तैयार की।
राज्यपाल अल्वा को श्रीधर अय्यर, अंजनी रेड्डी, गोपी गजवानी, जय जरोठिया, प्रभारक कोलटे, शांति दवे ने अपनी कलाकृतियों के बारे में जानकारी भी दी।
 इसी के साथ जयपुर आर्ट समिट के दौरान  जवाहर कला केंद्र में लगाई गई कला प्रदर्शिनी का भी समापन हो गया। केंद्र की सभी कला दीर्घाओं में 142 कलाकारों की कलाकृतियां प्रदर्शित की गईं थी। जवाहर कला केंद्र में अंकित पटेल, चिंतन उपाध्याय, लोचन उपाध्याय, मेधना कात्याल, मिठू सेन, मुकेश शर्मा,  शमिता दास, हंसराज कुमावत  और सुरेंद्र पाल जोशी का इंस्टालेशन वर्क भी प्रदर्शित किया गया था।
जयपुर आर्ट समिट के संयोजक और प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट ग्रुप(पैग) के अध्यक्ष आरबी गौतम ने आर्ट समिट के समापन पर कहा कि कला को समर्पित देश अपनी तरह का अनूठा आयोजन पहली बार राजस्थान में किया गया। कलाप्रेमियों और कलाकारों की भागीदारी देख निश्चित रुप से प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट ग्रुप उत्साहित है, लेकिन आने वाले समय में यह प्रयास रहेगा कि इस बार जो कमियां आयोजन में दिखी उन्हें दूर किया जाए। आरबी गौतम के अनुसार अगली बार जयपुर आर्ट समिट के दौरान आर्ट एज्यूकेशन पर भी एक विशेष सेमिनार का आयोजन करने की मंशा है, जिसे पूरा करने के हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।
इंस्टालेशन वर्क
नागराज, घुमक्कड घर, सेफ्टी पिन का परदा और थ्रीडी वर्क ने चुराया दिल:
इंस्टालेशन वर्क के तहत जवाहर कला केंद्र में लोचन उपाध्याय का घुमक्कड घर और मुकेश शर्मा द्वारा कम्प्यूटर और मोबाइल की विभिन्न डिवाइस और चिप्स के साथ तैयार किया गया नागराज, चिंतन उपाध्याय का थ्री डी वर्क और सुरेंद्र पाल जोशी का से सेफ्टीपिन से तैयार किया गया परदा विशेष आकर्षण का केंद्र रहे।
कुछ पेंटिग्स बिकी और कुछ थी नॉट फॉर सेल
जयपुर आर्ट समिट के संयोजक आरबी गौतम के अनुसार कुछ कलाकारों की पेंटिंग्स को खरीदने के लिए लोगों ने संपर्क किया है  ऐसी कलाकृतियों की संख्या 6 -7 है। साथ थी यह विडम्बना रही कि जिन कलाकृतियों को खरीदने के लिए कलाप्रेमियों ने सबसे ज्यादा संपर्क किया वह प्रदर्शिनी में नॉट फॉर सेल थीं। 

शनिवार, 9 नवंबर 2013

Jaipur Art Summit: Day-3

 पेंटिग्स और क्ले मॉडलिंग की जुगलबंदी
Jatin Das making sketch of Rajendra Mishra.
मूमल नेटवर्क, जयपुर। जयपुर आर्ट समिट का तीसरा दिन लाइव क्ले मॉडलिंग और पेंटिग्स के नाम रहा। होटल क्लार्क आमेर में पदमभूषण चित्रकार जतिनदास का क्ले मॉडलिंग में पोट्रेट बनाया कलाकार राजेंद्र मिश्रा ने। इसे देखने के लिए कलाप्रेमियों की भीड़ उमड़ पड़ी। एक ओर जतिनदास राजेंद्र मिश्रा का रेखाचित्र  तैयार कर रहे थे और दूसरी ओर तैयार हो रहा था खुद उनका क्ले पोट्रेट।
जतिन दास की कला साधना को देखने वाली भीड़ उस समय हतप्रभ रह गई जब उन्होंने देखा कि जतिन दास के ठीक सामने एक और कलाकार मिट्टी से किसी एक चेहरे को मूर्त रूप देने में लगे हुए हैं। जैसे-जैसे चेहरे अपनी शक्ल अख्तियार करती गई तो कलाप्रेमियों के मुंह से बरबस ही निकला अरे वाह, यह तो जतिनदास हैं और क्ले कलाकार राजेंद्र मिश्रा के चेहरे पर एक छोटी सी मुस्कान तैर गई। 
दूसरी ओर जतिनदास ने भी दर्शकों को चौंकाया। उन्होंने देखते ही देखते राजेंद्र मिश्रा का एक रेखाचित्र तैयार कर दिया। इस तरह दो कलाकारों द्वारा एक दूसरे के लिए अपनी कला समर्पित करते देख दर्शक भाव विभोर हो गए।
प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट ग्रुप( पैग) की पहले पर गुलाबी नगर में जयपुर आर्ट समिट 11 नव बर तक चलेगी। पैग के प्रेसीडेंट और जयपुर आर्ट समिट के संयोजक आरबी गौतम ने बतायाा कि आने वाले दिनों जयपुर के कलाप्रेमियों को बहुत सी ऐसी कलाकृतियां और कलाओं के बारे में रूबरू होन का मौका मिलेगा जो कला को देखने और समझने में सहायक होंगी। 
(L-R) Johny ML, RB Bhaskaran & Abhay Sardesai at seminar on ' Art Market & its influence on Contemporary Indian Art'
सेमीनार
कला-प्रेम और समर्पण के इस अनूठे भाव के साथ कला समीक्षक अल्का पांडे और उमा नायर ने सेमिनार को दौरान प्रोसपेक्टिव एण्ड डिलायमा ऑफ कॉन्टमपरेरी विजुअल आर्ट के बारे में अपने विचार रखें। कला के इतिहास पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि एक कलाकार को अपने सृजन के लिए बड़ी दुविधा से गुजरना होता है क्योंकि पुराने दौरे से लेकर आज के समय में कला के क्षेत्र में विभिन्न विषयों पर शोध और नित नए बदलाव होते रहे हैं। कलाकार अपनी दुविधा को अपने अनुभव, शोध और परिवर्तन के सहारे सृजित करता है। इस विषय की व्या या करने के लिए कला समीक्षक ए.एल दमामी ने अल्का पांडे और उमा नायर के साथ मंच साझा किया।
सेमिनार के दूसरे सत्र में कला समीक्षक जॉनी एमएल ने कला और बाजारवाद की प्रकृति के बारे में बात की। उन्होंने बताया की व्यवसायिक पक्ष कला के लिए कितना जरूरी हैं और कला उससे किस प्रकार प्रभावित हो रही है। वरिष्ठ पत्रकार और कला समीक्षक अभय सरदेसाई ने अपनी बातों में बताया कि कार्टून और ग्राफिक्स का कला में किस तरह उपयोग हो रहा है। इससे होन वाले फायदे और नुकसान पर भी चर्चा हुई।
Hari Om Tanwar working on Cinema Hoarding
जवाहर कला केंद्र
दूसरी ओर जवाहर कला केंद्र में इंस्टालेशन और सिनेमा होर्डिंग को देखने कलाप्रेमी पहुंचे। हरिओम तंवर यहां अपने जमाने की सुपर हिट फिल्म मुगले आजम का पोस्टर तैयार कर रहे हैं। पहले दिन पोस्टर में मधुबाला और पृथ्वीराज कपूर के चेहरे तैयार हुए हैं। जवाहर कला केंद्र की छहों कलादीर्घाओं में कलाप्रेमियों के लिए एमएफ हुसैन, शूजा, आर.बी भास्करन, पीएन चोयल, प्रणय गोस्वामी सहित कई नामी-गिरामी कलाकारों की पेंटिंग्स प्रदर्शित की गई हैं।
(समाचार सौजन्य: अनुराग रायजादा )
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गुरुवार, 7 नवंबर 2013

Jaipur art Summit जयपुर आर्ट समिट शुरू

रंगों से सराबोर हुआ क्लार्क आमेर और जवाहर कला केंद्र
 राज्यपाल मारग्रेट अल्वा ने की विधिवत शुरुआत
Governor Mrs Margaret Alva Inaugurating the Jaipur Art Summit with Padamshree Anjolie Ela Menon and Padamshree Shanti Dave

यहां एमएफ हुसैन, एफ.एन शूजा, दीपक शिन्दे सहित  अंजलि इला मेनन, शांति दवे, जतिनदास, पीएन चोयल, ए. रामचंद्रन, अंजलि रेड्डी, अंजलि इला मेनन, अनुपम सूद,सहित नामी-गिरामी हस्तियों की कलाकृतियां  हैंं। 
मूमल नेटवर्क, जयपुर। होटल क्लार्क आमेर में गुरुवार को जयपुर आर्ट समिट का शुभारम्भ राज्यपाल मारग्रेट अल्वा ने किया।  राज्यपाल के दीपप्रज्ज्वलन करने के साथ ही जयपुर में आर्ट समिट की विधिवत शुरुआत हो गई।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि कला देश की सभ्यता और संस्कृति को परिभाषित करती है। कला को देखने और समझने का हर व्यक्ति और हर आयु वर्ग का नजरिया अलग अलग होता है। ऐेसे आयोजनों से कला को बढ़ावा मिलता है। दीप प्रज्जवलन के अवसर पर पदमभूषन जतिन दास, पदमश्री अंजलि इला मेनन और पदमश्री शांति दवे भी मंच पर मौजूद थे।
आर्ट समिट में जयपुर सहित देश के नामी गिरामी चितेरे, मूर्तिकार और सम-सामायिक  कला संसार के करीब 150 कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। आठ कलाकार अपना इंस्टालेशन वर्क दिखाएगें साथ ही प्रयाग शुक्ल, अभय सरदेसाई, अशरफी भगत जैसे कलासमीक्षक, पत्रकार, लेखक अपनी बातें सेमीनार के माध्यम से रखेंगे।
होटल क्लार्क आमेर सहित जवाहर कला केंद्र में आर्ट समिट की गतिविधियां 11 नवम्बर तक चलेंगी। राजस्थान ही नहीं, अपितु देश में यह पहला अवसर है जब ललित कला की तमाम  विधाओं से ताल्लुक रखने वाले नामी कलाकार, कलासमीक्षक एक साथ एकत्र हो कला का प्रदर्शन करेंगे। जवाहर कला केंद्र की सभी कला दीघर्आओं में देश-दुनिया में विख्यात चितेरों का काम जनता के अवलोकनार्थ है। यहां एमएफ हुसैन, एफ.एन शूजा, दीपक शिन्दे सहित  अंजलि इला मेनन, शांति दवे, जतिनदास, पीएन चोयल, ए. रामचंद्रन, अंजलि रेड्डी, अंजलि इला मेनन, अनुपम सूद,सहित नामी-गिरामी हस्तियों की कलाकृतियां  हैंं।  इन कला कृतियों को जयपुर के आर्ट कलैक्टर्स, कलादीर्घाओं और ललित कला अकादमी की ओर से प्रदर्शित किया गया है।
आर्ट समिट की चेयरपर्सन टिम्मी कुमार का कहना है कि जयपुर आर्ट समिट कला जगत में एक ऐसा कदम है जिससे शहर में कला के प्रति जागरुकता आएगी, वरन उसे देखने और समझने का नजरिया भी बदलेगा।
आर्ट समिट के संयोजक एवं ललित कला अकादमी के उपाध्यक्ष आर बी गौतम के अनुसार राजस्थान कला और कलाकारों का गढ़ है। इस आयोजन से देश के  सम-सामायिक कला संसार और राजस्थान की परंपरागत चित्र शैली और  कला के अन्य रुपों का मिश्रण कला जगत को नया आयाम देने में सफल होगा।



ये रही गतिविधियां
 रेयर आर्ट डेमो ( होटल क्लार्क आमेर व जवाहर कला केेंद्र )
 आर्ट समिट के उद्घाटन के बाद होटल क्लार्क आमेर में सवाईमाधोपुर के कलाकारों ने ब्लैक टैरीकोटा पोट्री का लाइव डेमो दिया, यह एक लुप्त होती कला है। लाइव डेमो के तहत इस विधा के बारे में गहराई से समझाया गया। जवाहर कला केंद्र में वृन्दावन के कलाकारों ने सांझी आर्ट को प्रदर्शित किया। यहां ग्लास पेंटिंग,इनामेलिंग आर्ट,सिनेमा होर्डिंग्स कैसे बनाए जाते हैं इस बारे में बताया गया।
 आर्ट हाट (होटल क्लार्क आमेर)
 आर्ट हाट की शुरुआत होटल क्लार्क आमेर से हुई। हाट में घर सजाने के चुनिन्दा साजो सामान, आर्टिस्टिक कपड़े और अन्य कलात्मक वस्तुएं बिक्री के लिए रखी गई। लाइव बैंड ने भी आर्ट हाट के माहौल को संगीतमय कर दिया।
आर्ट कैम्प ( होटल क्लार्क आमेर)
 पदमश्री अंजलि इला मेनन द्वारा आर्ट कैम्प का उद्घाटन किया गया। पांच दिनों तक चलने वाले इस आर्ट कैम्प के तहत नामी-गिरामी कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन जनता के बीच किया। विदेशी कलाकार के रूप में जर्मनी से आईं रेटाना वॉन को दर्शकों ने उनके ख्यात घोड़े पेंट करते हुए देखा।
इंस्टालेशन (जवाहर कला केंद्र)
 ऑल इंडिया कन्टमपरैरी आर्ट एग्जीबिशन एण्ड इंस्टालेशन ( जवाहर कला केंद्र): चित्रकार लक्ष्मण श्रेष्ठ ने जवाहर कला केंद्र में जवाहर कला केंद्र 150 कलाकारों की कला को प्रदर्शित करने वाली ऑल इंडिया कन्टमपरैरी आर्ट एग्जीबिशन एण्ड इंस्टालेशन का शुभारम्भ किया।
जकेके आर्ट एग्जीबिशन में क्या है खास
जवाहर कला केंद्र की सभी कलादीर्घाओं में अमूल्य कलाकृतियां प्रदर्शित की गई। यहां पर शूजा के रेखाचित्र, हुसैन की तैल चित्रों से बनी कलाकृतियों के साथ ए रामचंद्रन की न्यूक्लियर रागिनी, अंजलि रेड्डी की एक्रिलिक रंगों से सजी कलाकृति माय फ्रेंड सहित कई कलाकारों की कलाकृतियां है जिन्हें देखना कलाप्रेमियों के साथ ही कला विद्यार्थियों के लिए भी अनूठा अनुभव है।
इंस्टालेशन में है घुमक्कड घर और नागराज सहित कई अनोखी पहेलियां
बांसवाडा के लोचन उपाध्याय ने जवाहर कला केंद्र में रिसाइक्लिंग के महत्व को समझाते हुए अपनी कल्पना से घुमक्कड घर नामक सीरिज तैयार की है। लोचन से इसमें पेरिस, न्यूयॉर्क, इज्रायल सहित कई देशों में अपनी कला प्रदर्शन कर चुके हैं लेकिन उनका कहना है कि उनकी सारी सोच अपने गांव के इर्द-गिर्द घूमती है और साथ ही घुमक्कड घर का उनका कॉन्सेपट है अपना गांव-सारी दुनिया। कलाकार मुकेश शर्मा दिल्ली में बस गए हैं। देश विदेश में घूमते रहने का साथ उन्होंने कम्पूयर और मोबाइल की विभिन्न डिवाइस को लेकर एक पांच फन वाला नाग बनाया है। मुकेश का कहना है कि जिन्दगी में टैक्नोलॉजी सांप की तरह कुंडली मार कर बैठ गई है जिससे दूर रहना भी मुश्किल है और पास रहना भी।
( समाचार सौजन्य: अनुराग रायज़ादा )