बुधवार, 4 दिसंबर 2013

चार राज्यों के युवा चितेरों की उड़ान



हरियाणा, उड़ीसा, हिमाचलप्रदेश और राजस्थान के कलाकारों की अभिव्यक्ति 
मूमल नेटवर्क, जयपुर। जवाहर कला केंद्र की सुदर्शन आर्ट गैलरी में 3 से 6 दिसम्बर तक हरियाणा, उड़ीसा, हिमाचलप्रदेश और राजस्थान के कलाकारों की अभिव्यक्ति मुखर हुई।
युवा रंग और अभिव्यक्ति के चलते अजमेर के विक्रम सिंह मारोठिया, धर्मशाला के संतोष मौर्य, उड़ीसा के गिरधारी साहू और शिमला की नेहा शर्मा द्वारा बनाई पेंटिंग्स ने दर्शकों को प्रभावित किया। कमोबेश सभी कृतियों में कलाकारों की नई सोच और रचना के नए अंदाज कई अर्थों में भिन्न रहे। प्रदर्शनी का उद्धाटन पद्मश्री से सम्मानित चित्रकार एस. शाकिर अली और वरिष्ठ मिनिएचर आर्टिस्ट जयशंकर शर्मा ने किया।
लकड़ी के फंटों पर म्यूरल 
 विक्रम सिंह मारोठिया ने लकड़ी के फंटों पर म्यूरल का अहसास कराती कलाकृतियां बनाई। कुछ नया करने के उत्साह में उन्होंने इस नए माध्यम में म्यूरल जैसी रचना की है। इसमें पेपरमैशी से तैयार मुखौटों, सूखी डालियों और पत्तियों के साथ गोलाकारों के उपयोग से उपजाए थ्री डी इफेक्ट ने कृतियों को बेहतर किया है। कलाकार ने प्रकृति और इंसान के रिश्तों को दर्शाने में एक हद तक सफलता भी पाई है।

ईश दर्शन के चटक अंदाज
हिमालय के करीब हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से आए संतोष मौर्य ने कैनवास पर ईश्वर दर्शन को नए अंदाज से जीवंत किया। संतोष ने शिव - पार्वती और शिवलिंग की आकृतियों के साथ ही गणेश को विभिन्न आयामों में जीवंत किया है। चटख रंगों से नटराज की मुद्रा में काली माई की आकृति चित्रित करने का उनका अंदाज भी ताजगी से भरा था।
कैनवास पर मेडिटेशन
नेहा शर्मा ने कैनवास पर मेडिटेशन को चित्रित किया है। मेडिटेशन से जीवन में खुशियों के फूल खिलाने की सोच के साथ रंगों के आकर्षक संयोजन से नेहा की पेंटिंग्स अधिक आकर्षक बनी हैं।
 टैक्सचर की गहनता
भारती शर्मा ने तरह-तरह की ज्योमेट्रिकल आकृतियां बनाकर पानी की उथल-पुथल से बनने वाले टैक्सचर को अपने कलाकृतियों का माध्यम बनाया। रचनाएं अमूर्त है, जिसमें टैक्सचर की गहनता देखने लायक हैं। 

कोई टिप्पणी नहीं: