मंगलवार, 26 अगस्त 2014

डा. अन्नपूर्णा ललित कला-संगीत विकास परिषद की प्रान्तीय अध्यक्ष

मूमल नेटवर्क, जयपुर। वरिष्ठ चित्रकार डा. अन्नपूर्णा शुक्ला को गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) की संस्था ललित कला-संगीत विकास परिषद ने राजस्थान का प्रान्तीय अध्यक्ष नियुक्त किया है। परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम बहादुर द्विवेदी ने उनकी नियुक्ति के साथ यह आशा व्यक्त की है कि इस नियुक्ति के बाद डा. शुक्ला के प्रयासों से परिषद राजस्थान का आईना बनेगी।

सोमवार, 25 अगस्त 2014

जूही जैन की कृतियों का प्रदर्शन 29 से जयपुर में


मूमल नेटवर्क, जयपुर। कलाकार जूही जैन की कृतियों की एकल कला प्रदर्शनी जवाहर कला केंद्र की सुदर्शन कला दीर्घा में 29 से 31 अगस्त तक होगी। वरिष्ठ चित्रकार प्रो भवानी शंकर शर्मा इसका उद्धाटन करेंगे। इस प्रदर्शनी में जूही ने अमेरिकी कवि और उपन्यासकार बुकोवस्की की रचनाओं को कैनवास पर आकार देने का प्रयास किया है। 'बुकोवस्की क्रॉनिकल' के नाम से आयोजित इस शो में प्रदर्शित जूही के चित्र शब्दों में व्यक्त गुस्से और खुशी की अभिव्यक्ति करते हैं।
स्वयं अपने प्रयासों से चित्रकला में दक्षता की ओर बढ़ती जूही जैन जयपुर में काम करती हैं। हालांकि उनका काम दिल्ली में पला-बढ़ा है, लेकिन उनका लगाव जयपुर से ज्यादा है। उल्लेखनीय है जूही टेटू आर्ट के क्षेत्र में अधिक जानी जाती हैं।

रविवार, 24 अगस्त 2014

थ्रू दी हार्ट में बंगाली कलाकारों का बोलबाला


मूमल नेटवर्क, जयपुर। देशभर के करीब 40 चित्रकारों ने दिल से कही जाने वाली भाषा को कैनवास पर आकार दिया और उन्हें पिछले दिनों गुलाबी नगरी जयपुर में 'थ्रू दी हार्ट' के नाम से प्रदर्शित किया। इनमें राजधानी दिल्ली सहित पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ व झारखंड के कलाकार शामिल है। पड़ौसी देश नेपाल और बांग्लादेश के एक-एक कलाकारों की भागीदारी के चलते इसे इंटरनेशनल आर्ट शो शो किया गया।
प्रदर्शनी का उद्धाटन वरिष्ट कलाकार डा. चिन्मय मेहता ने किया। इस आर्ट शो में पश्चिम बंगाल के 19 कलाकारों सहित अन्य क्षेत्रों से शामिल 5 अन्य बांग्लाभाषी कलाकारों के कारण बंगाली कलाकारों के काम का बोलबाला रहा।
नई दिल्ली के राजिब सिकदार ने जीवन की उपलब्धियों को मिक्स मीडिया के जरिए दर्शाया है। पश्चिम बंगाल के नादिया में जन्में सिकदार फ्रिलांस आटिस्ट हैं। आईफेक्स से राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित राजिब ने बताया कि इस प्रदर्शनी के प्रमुख के रूप में वे जयपुर में उपस्थित हैं। देशभर से इस शो में शामिल चित्रकारों के यह काम इससे पहले भी कई शहरों में प्रदर्शित किए जा चुके हैं। अब जयपुर के बाद अगला शो बंगलूर में आयोजित होगा।

कोलकाता की एकेडमी ऑफ फाइन आर्ट से सम्मानित राजर्षि अधिकारी ने सिल्क पर जलरंगों से पौराणिक देवी-देवताओं के साथ प्रकृति चित्रण किया है। 'वाटर गार्डन' शीर्षक के साथ एक जल कुंड की प्रकृति को बेहतर रूप से दर्शाया है। देवी दुर्गा और दुर्गा परिवार का जल विहार भी बेहतर बन पड़े हैं। गोपियों के वस्त्रों के साथ वृक्ष की शाखा पर बांसुरी वादन करते कृष्ण का चित्रण भी मन मोहक है।
कोलकाता के शुभेन्दु विश्वास ने मिक्स मीडिया में कैनवास पर जीवन के आरंभ को प्रदर्शित किया है। उन्होंने मां के गर्भ से ही एक बालक की उड़ान के प्रति रुचि को बखूबी संयोजित किया है।
छत्तीसगढ़ के पूणेन्दु मंडल ने कैनवास पर एक्रेलिक रंगों से कोलकाता के आधुनिक शहरी जीवन की हलचल में आज भी सांस लेती पुरानी ट्रामों के इन्क्लूजन को कुशलता से उभारा है।
राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित झाडखंड से आई विनीता बंद्योपाध्याय के स्वभाव में कल विरासत को संभालने के साथ आज को सहेजने की झलक दिखती है। यही सबकुछ उनकी चित्रकारी में भी साफ झलकता है। उडि़सा की पारम्परिक वॉल पेंटिग्स की आकृतियों के साथ आधुनिक परिवेश व मुखौटों से वे अपनी बात कहती लगती हैं।
कोलकाता की रिनी चन्द्रा के चित्रों में मानव जीवन काल में बनते-बदलते रिश्ते और अहसास के मौसम नजर आए। उनकी कृति 'ऑटम' में शरद के पतझड़ से दरकते संबंधों का बेहतर चित्रण हैं। बहुत सरल रंगों, रेखाओं और आकृतियों से अपनी बात कहने की क्षमताओं वाले रिनी के चित्रों की सादगी आकृर्षित करती है।
पश्चिम बंगाल के गौतम शाहा मानव मन में होने वाली हलचल और सोच को आधुनिक जामे के साथ कैनवास पर साकार किया है। बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो और बुरा मत बोलो को गहरे गॉगल्स, इयर फोन और मेडिकल माक्स से दर्शाने की सोच इनके काम में शामिल है। पुरातन वीणा के तारों की झंकार का डिजिटल साउंड की वायरिंग की रिकॉडिंग से उपजी स्थिति की एक सुधि दर्शक ने प्रवीण और कुशल जैसे शब्दों की निरुक्ति से व्याख्या कर एक बार फिर यह साबित किया कि दर्शक की सोच कलाकार की सोच से कहीं अधिक आगे हो सकती है।
इन्हीं के साथ कोलकाता के राहुल मुखर्जी ने अपनी कृति में मरणोपरान्त आत्मिक सोच को आकार देने का प्रयास किया है। जबकि चौबीस परगरना की पॉलोमी सेन ने दुर्गा रूपा स्त्री शक्ति को मछली पकडऩे के कांटों में उलझ कर पहचान खोती जा रही बेबस आकृति के रूप में दिखाया है। नजमा अख्तर व डॉ. बुशरा नसीम का काम भी सराहनीय था।
कारोबार
इन दिनों राजस्थान मेंं बंगाली चित्रकारों की सोच और तकनीक की ओर दर्शकों और बायर्स का खास ध्यान है। इक्कीस से पच्चीस अगस्त तक प्लान किए गए इस पांच दिन के आर्ट शो के दो महत्वपूर्ण दिन प्रभावित हो गए। 22 अगस्त को वकीलों के आह्वान पर जयपुर बंद और 23 अगस्त को छात्रसंंध चुनाव के लिए मतदान के कारण जेएलएन रोड बंद रहा इससे शो में दर्शकों की कमी हो गई। शेष दिनों में आए बायर्स में कोई स्थापित खरीददार नजर नहीं आया। कला बाजार में कारोबार करने की योजना के साथ निकट भविष्य में खुलकर प्रकट होने वाली एक कला दीर्घा की ओर से कुछ खरीददारी के प्रयास जरूर हुए, लेकिन कीमत बहुत कम लगाने के कारण तत्काल कोई बात नहीं बन सकी।
उल्लेखनीय है जयपुर के कला बाजार में पूरी तैयारी के साथ उतरने का जतन कर रही कला दीर्घाओं का ध्यान यहां की सबसे अधिक कारोबार करने वाली उस आर्ट गैलेरी के कारोबार के तरीके पर रहता है जो बंगाल के कलाकारों के काम पर अधिक ध्यान देती है। पिछले दिनों जेकेके में 'ह्यूस ऑफ इंडिया' के नाम से आयोजित शो में भी लगभग 10 बंगाली कलाकारों का काम प्रदर्शित हुआ था और यहां 'ग्रेस ऑफ ऑकेशन' इसी आर्ट गैलेरी की संचालिका थी।
इसके साथ ही थ्रू दी हार्ट आर्ट शो पर जयपुर के कुछ निजी कला संग्रहकों की भी निगाहें जमी थी। इन बायर्स ने स्थापित कलाकारों के बजाय न्यू ब्रश पर पैसा लगाने में अधिक दिलचस्पी दिखाई। उनका मानना है कि स्थापित कलाकारों पर मोटी रकम लगाने और उनके रेट कम हो जाने का जोखिम उठाने से बेहतर है नए कलाकारों पर कम पैसा लगा कर उनके स्थपित होने और काम की कीमत बढऩे का चांस लिया जाए।


शुक्रवार, 15 अगस्त 2014

जेकेके में भारत के रंगों का उत्सव


जयपुर के जेकेके में भारत के रंगों का उत्सव
मूमल नेटवर्क, जयपुर। स्वतंत्रता दिवस पर जयपुर के जवाहर कला केंद्र की कला दीर्घाओं में दो प्रदशर्नियों का शुभारंभ हुआ इनमें एक कोलकाता के चित्रकार संजय मजूमदार और एक अन्य दिल्ली की कलाकार रजनी किरण झा के संयोजन में प्रदर्शित की गई है।
भारत के इन्द्रधनुषी रंग
ह्यूस ऑफ इंडिया के नाम से किए गए आयोजन में देश के विभिन्न भागों के 33 चित्रकारों की कलाकृतियों को दो दीर्घाओं में प्रदर्शित किया गया है। इनमें जयपुर के डा. ललित भारतीय और डा. मणि भारतीय के काम शामिल हैं। इस प्रदर्शनी में डा. मणि भारतीय के पल-पल परिपक्व होते जा रहे कोलॉज के साथ डा. ललित भारतीय के कैनवास पर रंगों का नया संयोजन देखने का अवसर है। संजय मजूमदार ने भारतीय पौराणिक मिथकों के जरिए आज की बात कहने का प्रयास किया है तो राजिब देयासी ने ज्यामितिक आकारों से। राखी बैद ने शंख और मयुर पंख के साथ मंदिर की धंटियों और उसी के समकक्ष घुंघरुओं और देव उपस्थिति से अपनी बात कही है। उनीस खान की पेंसिल और स्वाति चटर्जी की सरल रेखाओं से चित्र प्रदर्शनी में कुछ अलग हट कर होने वाले अहसास भी थे।

रंगोत्सव
जवाहर काला केंद्र की सुदर्शन कला दीर्घा में रंगोत्सव के नाम से आयोजित प्रदर्शनी में कुल 15 चित्रकारों की कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं।
सभी कलाकारों की कृतियों में जीवन के विभिन्न रंगों को अपने-अपने भाव से कैनवास पर आकार दिया गया हैै। दीर्घा में तीन मूर्ति शिल्प भी सजाए गए हैं इनमें युवा मूर्तिकार विवेक कुमार द्वारा फाइवर ग्लास से रचित बड़े कानों वाले चींखते हुए व्यक्ति की कृति ध्यान आकर्षित करती है।
 डा. अर्चना श्रीवास्तव द्वारा विभिन्न पर्व व त्यौहारों के अवसर पर बनाए जाने वाले मांडने और सांझियों को कागज पर जलरंगों से उकेरा गया है। डा. रजनी ने स्वयं कैनवास पर एक्रेलिक से जल, जलज, महिला और मछली के संयोजन को बिहार की मधुबनी कला के इर्दगिर्द बुनकर नया संसार रचा है।

सोमवार, 11 अगस्त 2014

HUES OF INDIA


HUES OF INDIA 
EXHIBITION OF VISUAL ART

An exhibition of visual art at JKK JAIPUR, to pay a small tribute to the nation. WE 

could gather 33 artist from all over India speaking different languages, practicing 

different religion and culture. WE feel proud to present such a diversified enriched 

heritage and culture through visual vocabulary. In this connection WE would like to 

make humble request to u to kindly come and join this exhibition on 15th August 2014 

at 4pm. I solicit your kind presence to grace the occasion. 

"HUES OF INDIA " - ABOUT THE EXHIBITION & ARTIST

Golmai is senior artist from Manipur belongs to kabui tribe creates vibration of colourful kabui 

dance. Rabindro's canvas is colourful essay about the holy sages of india. most of the face in 

his works resemble his self portrait, innocent as well as dynamic. Tuiyarmy is rather painting 

on various social causes of his native place. he makes new paper with acrylic on canvas, 

speaking louder than words. Swapan Das from Bengal works on spiritual subject. he works 

on Buddhist and jain mythology. his figures do radiate light or energy,thus the form gets life. 

Eastern Indian artist from west bengal ,cultural capital of india, shows fragrance of their soil. 

Arghya Dipta Kar, young artist experiments on tantric art.he creats very contemporary visual 

on tantric philosophy. we find shree yantra application and many more symbols of yantra in 

his visual. Abhijit Banerjeee pass out of govt college of art too works on durga. his durga has 

more melody and lyrical value. colour application is very vibrant with very strong highlight 

shows the power and energy of shakti. Rina Roy is master of oriental art works on hindu 

mythology. her hues are so very somber can utter spiritual vocabulary. Rajiv Dayashi lives 

in westbengal as well as runs a art school, is basically Khairagarh passout. His paintings do 

have tantra motif but his flower application do reflect his contemporary thought process. the 

paintings have mystic appeal.the dark background with lotus patterns means infinite universal 

sectrets to be yet reveled. this is the creation process. Arup is also from kolkata. Vidya 

Lakshmi from Chennai creates landscapes with oil on canvas. her landscapes has extraordinary 

colour combination, which can easily drive the mind of spectator with myriad fantacy. Dr. 

Velmurugan D. is medical practicener by proffessioen but also a great photographer.he loves 

to freeze the motion of nature with his still camera.his photography on wild life is a definite 

visual delight for the spectators.he has created a niche in photography. Shreepathy from 

tirupati is a very welknown tanjore painter as well as lyric writer in telegu films. his recent 

contemporary works already paved niche in the art world.his mythological subject can easily 

convey some social message. 

Rana Anjum is from hyderbad. her simplicity in her form and ability to use vibrant hues makes 

her works very individulistic. Chandana khan is the special chief secretary of Hyderabad, is 

also welknown visual artist, poet, author. she is very dynamic and multifaceted lady. she plays 

with colour and form in very innocent manner,reminds me of paul klee.most of her works 

show folk derivation. From the western india I have artist Swati chatterjee and Rakhi baied

from Mumbai. Rakhee Baid works mainly on krishna .her works reflects mother and child 

affection.she has already exhibited her works in various gallery.her works are in collection 

with several art connoisseur across the globe. Utpal maumdar from pune is well known for 

his energetic horses. horses symolise men power and human passion.horses are auspicious to 

many community across the globe.moreover I see melancholy of myriad colours that he 

applies on the canvas. Shubhanghiji makes cosmic drama on the canvas.her works can be 

analytically viewed as it has got fathom deep perspective. Anand is delhi based artist ,loves to 

create essay of colours on canvas.he creates amazing texture which generates surface that 

results optical illusion. Abdul kalim’s works have little cubic influence but his subject is derived 

from regular day to day life. Gauri Sahniji reputed senior artist from delhi. her subject is 

mostly spiritual, as she visualises the hindu mythology in modern arena. some of her works 

shows Vishnu or sumtimes just the lotus to symbolize. Lakshmi P. mittal paints with acrylic on 

canvas,has her own style to express her personal feelings.her works sometime are very 

conceptual,may deal with human psyche, some times innocent play of colours. Unis Khan is 

very versatile artist. he keeps social message for the so called civilized people. he boldly 

expressed the male chauvinism. Vincent is well known sport personality is also BFA in from 

CHITRA KALA PARISAT BANGLORE. his works are no doubt sport based. he freeze the sporting 

action in his canvas/paper. some of his painings so powerful that it seems to jump out of his 

canvas.recently I find him working on Indian style dance. Sanjoy Majumder is microbiology 

graduate and self taught artist. he has blended the science and mythology on canvas. recently 

he started kali series. here he has created satire towards society,with symbolic kali. Rajeev 

Semwal is young engrgtic and a very passionate painter.his command over the liner 

perspective is so high that he need no much colour to express his thought process.his ecstasy 

generates fantasy which he represents symbolically.women are predominant subject of his 

works and feminism reflects from few of his creation.

I am proud to present two very important artists from JAIPUR, Dr. Lalit Bhartiya and Dr. 

Mani Bhartiya. Dr. Mani Bhartiya is collage artist needs no introduction. her collage depicts 

landscapes.she also works on the burning social issues,like rejection of old people,old culture 

etc. Dr. Lalit Bhartiya paints on canvas very primitive subjects.some of his works shows marks 

of ancient cave paintings of BUNDI at Rajasthan.his command over strokes and colour shows 

his skill in draftsmanship, which is now so rare.

SANJOY MAJUMDER, KOLKATA (CURATER AND CONCEPTUALIZER) MOB.08981148782

DR. LALIT BHARTIYA (LOCAL REPRESENTATIVE OF EXIBITION) MOB. 9829014153