पेंटिग्स और क्ले मॉडलिंग की जुगलबंदी
(L-R) Johny ML, RB Bhaskaran & Abhay Sardesai at seminar on ' Art Market & its influence on Contemporary Indian Art' |
सेमीनार
कला-प्रेम और समर्पण के इस अनूठे भाव के साथ कला समीक्षक अल्का पांडे और उमा नायर ने सेमिनार को दौरान प्रोसपेक्टिव एण्ड डिलायमा ऑफ कॉन्टमपरेरी विजुअल आर्ट के बारे में अपने विचार रखें। कला के इतिहास पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि एक कलाकार को अपने सृजन के लिए बड़ी दुविधा से गुजरना होता है क्योंकि पुराने दौरे से लेकर आज के समय में कला के क्षेत्र में विभिन्न विषयों पर शोध और नित नए बदलाव होते रहे हैं। कलाकार अपनी दुविधा को अपने अनुभव, शोध और परिवर्तन के सहारे सृजित करता है। इस विषय की व्या या करने के लिए कला समीक्षक ए.एल दमामी ने अल्का पांडे और उमा नायर के साथ मंच साझा किया।सेमिनार के दूसरे सत्र में कला समीक्षक जॉनी एमएल ने कला और बाजारवाद की प्रकृति के बारे में बात की। उन्होंने बताया की व्यवसायिक पक्ष कला के लिए कितना जरूरी हैं और कला उससे किस प्रकार प्रभावित हो रही है। वरिष्ठ पत्रकार और कला समीक्षक अभय सरदेसाई ने अपनी बातों में बताया कि कार्टून और ग्राफिक्स का कला में किस तरह उपयोग हो रहा है। इससे होन वाले फायदे और नुकसान पर भी चर्चा हुई।
Hari Om Tanwar working on Cinema Hoarding |
जवाहर कला केंद्र
दूसरी ओर जवाहर कला केंद्र में इंस्टालेशन और सिनेमा होर्डिंग को देखने कलाप्रेमी पहुंचे। हरिओम तंवर यहां अपने जमाने की सुपर हिट फिल्म मुगले आजम का पोस्टर तैयार कर रहे हैं। पहले दिन पोस्टर में मधुबाला और पृथ्वीराज कपूर के चेहरे तैयार हुए हैं। जवाहर कला केंद्र की छहों कलादीर्घाओं में कलाप्रेमियों के लिए एमएफ हुसैन, शूजा, आर.बी भास्करन, पीएन चोयल, प्रणय गोस्वामी सहित कई नामी-गिरामी कलाकारों की पेंटिंग्स प्रदर्शित की गई हैं।(समाचार सौजन्य: अनुराग रायजादा )
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