शुक्रवार, 15 अगस्त 2014

जेकेके में भारत के रंगों का उत्सव


जयपुर के जेकेके में भारत के रंगों का उत्सव
मूमल नेटवर्क, जयपुर। स्वतंत्रता दिवस पर जयपुर के जवाहर कला केंद्र की कला दीर्घाओं में दो प्रदशर्नियों का शुभारंभ हुआ इनमें एक कोलकाता के चित्रकार संजय मजूमदार और एक अन्य दिल्ली की कलाकार रजनी किरण झा के संयोजन में प्रदर्शित की गई है।
भारत के इन्द्रधनुषी रंग
ह्यूस ऑफ इंडिया के नाम से किए गए आयोजन में देश के विभिन्न भागों के 33 चित्रकारों की कलाकृतियों को दो दीर्घाओं में प्रदर्शित किया गया है। इनमें जयपुर के डा. ललित भारतीय और डा. मणि भारतीय के काम शामिल हैं। इस प्रदर्शनी में डा. मणि भारतीय के पल-पल परिपक्व होते जा रहे कोलॉज के साथ डा. ललित भारतीय के कैनवास पर रंगों का नया संयोजन देखने का अवसर है। संजय मजूमदार ने भारतीय पौराणिक मिथकों के जरिए आज की बात कहने का प्रयास किया है तो राजिब देयासी ने ज्यामितिक आकारों से। राखी बैद ने शंख और मयुर पंख के साथ मंदिर की धंटियों और उसी के समकक्ष घुंघरुओं और देव उपस्थिति से अपनी बात कही है। उनीस खान की पेंसिल और स्वाति चटर्जी की सरल रेखाओं से चित्र प्रदर्शनी में कुछ अलग हट कर होने वाले अहसास भी थे।

रंगोत्सव
जवाहर काला केंद्र की सुदर्शन कला दीर्घा में रंगोत्सव के नाम से आयोजित प्रदर्शनी में कुल 15 चित्रकारों की कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं।
सभी कलाकारों की कृतियों में जीवन के विभिन्न रंगों को अपने-अपने भाव से कैनवास पर आकार दिया गया हैै। दीर्घा में तीन मूर्ति शिल्प भी सजाए गए हैं इनमें युवा मूर्तिकार विवेक कुमार द्वारा फाइवर ग्लास से रचित बड़े कानों वाले चींखते हुए व्यक्ति की कृति ध्यान आकर्षित करती है।
 डा. अर्चना श्रीवास्तव द्वारा विभिन्न पर्व व त्यौहारों के अवसर पर बनाए जाने वाले मांडने और सांझियों को कागज पर जलरंगों से उकेरा गया है। डा. रजनी ने स्वयं कैनवास पर एक्रेलिक से जल, जलज, महिला और मछली के संयोजन को बिहार की मधुबनी कला के इर्दगिर्द बुनकर नया संसार रचा है।

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