मूमल नेटवर्क, जयपुर। वरिष्ठ चित्रकार डा. अन्नपूर्णा शुक्ला को गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) की संस्था ललित कला-संगीत विकास परिषद ने राजस्थान का प्रान्तीय अध्यक्ष नियुक्त किया है। परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम बहादुर द्विवेदी ने उनकी नियुक्ति के साथ यह आशा व्यक्त की है कि इस नियुक्ति के बाद डा. शुक्ला के प्रयासों से परिषद राजस्थान का आईना बनेगी।
मंगलवार, 26 अगस्त 2014
सोमवार, 25 अगस्त 2014
जूही जैन की कृतियों का प्रदर्शन 29 से जयपुर में
स्वयं अपने प्रयासों से चित्रकला में दक्षता की ओर बढ़ती जूही जैन जयपुर में काम करती हैं। हालांकि उनका काम दिल्ली में पला-बढ़ा है, लेकिन उनका लगाव जयपुर से ज्यादा है। उल्लेखनीय है जूही टेटू आर्ट के क्षेत्र में अधिक जानी जाती हैं।
रविवार, 24 अगस्त 2014
थ्रू दी हार्ट में बंगाली कलाकारों का बोलबाला
प्रदर्शनी का उद्धाटन वरिष्ट कलाकार डा. चिन्मय मेहता ने किया। इस आर्ट शो में पश्चिम बंगाल के 19 कलाकारों सहित अन्य क्षेत्रों से शामिल 5 अन्य बांग्लाभाषी कलाकारों के कारण बंगाली कलाकारों के काम का बोलबाला रहा।
नई दिल्ली के राजिब सिकदार ने जीवन की उपलब्धियों को मिक्स मीडिया के जरिए दर्शाया है। पश्चिम बंगाल के नादिया में जन्में सिकदार फ्रिलांस आटिस्ट हैं। आईफेक्स से राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित राजिब ने बताया कि इस प्रदर्शनी के प्रमुख के रूप में वे जयपुर में उपस्थित हैं। देशभर से इस शो में शामिल चित्रकारों के यह काम इससे पहले भी कई शहरों में प्रदर्शित किए जा चुके हैं। अब जयपुर के बाद अगला शो बंगलूर में आयोजित होगा।
कोलकाता की एकेडमी ऑफ फाइन आर्ट से सम्मानित राजर्षि अधिकारी ने सिल्क पर जलरंगों से पौराणिक देवी-देवताओं के साथ प्रकृति चित्रण किया है। 'वाटर गार्डन' शीर्षक के साथ एक जल कुंड की प्रकृति को बेहतर रूप से दर्शाया है। देवी दुर्गा और दुर्गा परिवार का जल विहार भी बेहतर बन पड़े हैं। गोपियों के वस्त्रों के साथ वृक्ष की शाखा पर बांसुरी वादन करते कृष्ण का चित्रण भी मन मोहक है।
कोलकाता के शुभेन्दु विश्वास ने मिक्स मीडिया में कैनवास पर जीवन के आरंभ को प्रदर्शित किया है। उन्होंने मां के गर्भ से ही एक बालक की उड़ान के प्रति रुचि को बखूबी संयोजित किया है।
छत्तीसगढ़ के पूणेन्दु मंडल ने कैनवास पर एक्रेलिक रंगों से कोलकाता के आधुनिक शहरी जीवन की हलचल में आज भी सांस लेती पुरानी ट्रामों के इन्क्लूजन को कुशलता से उभारा है।
राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित झाडखंड से आई विनीता बंद्योपाध्याय के स्वभाव में कल विरासत को संभालने के साथ आज को सहेजने की झलक दिखती है। यही सबकुछ उनकी चित्रकारी में भी साफ झलकता है। उडि़सा की पारम्परिक वॉल पेंटिग्स की आकृतियों के साथ आधुनिक परिवेश व मुखौटों से वे अपनी बात कहती लगती हैं।
कोलकाता की रिनी चन्द्रा के चित्रों में मानव जीवन काल में बनते-बदलते रिश्ते और अहसास के मौसम नजर आए। उनकी कृति 'ऑटम' में शरद के पतझड़ से दरकते संबंधों का बेहतर चित्रण हैं। बहुत सरल रंगों, रेखाओं और आकृतियों से अपनी बात कहने की क्षमताओं वाले रिनी के चित्रों की सादगी आकृर्षित करती है।
पश्चिम बंगाल के गौतम शाहा मानव मन में होने वाली हलचल और सोच को आधुनिक जामे के साथ कैनवास पर साकार किया है। बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो और बुरा मत बोलो को गहरे गॉगल्स, इयर फोन और मेडिकल माक्स से दर्शाने की सोच इनके काम में शामिल है। पुरातन वीणा के तारों की झंकार का डिजिटल साउंड की वायरिंग की रिकॉडिंग से उपजी स्थिति की एक सुधि दर्शक ने प्रवीण और कुशल जैसे शब्दों की निरुक्ति से व्याख्या कर एक बार फिर यह साबित किया कि दर्शक की सोच कलाकार की सोच से कहीं अधिक आगे हो सकती है।
इन्हीं के साथ कोलकाता के राहुल मुखर्जी ने अपनी कृति में मरणोपरान्त आत्मिक सोच को आकार देने का प्रयास किया है। जबकि चौबीस परगरना की पॉलोमी सेन ने दुर्गा रूपा स्त्री शक्ति को मछली पकडऩे के कांटों में उलझ कर पहचान खोती जा रही बेबस आकृति के रूप में दिखाया है। नजमा अख्तर व डॉ. बुशरा नसीम का काम भी सराहनीय था।
कारोबार
इन दिनों राजस्थान मेंं बंगाली चित्रकारों की सोच और तकनीक की ओर दर्शकों और बायर्स का खास ध्यान है। इक्कीस से पच्चीस अगस्त तक प्लान किए गए इस पांच दिन के आर्ट शो के दो महत्वपूर्ण दिन प्रभावित हो गए। 22 अगस्त को वकीलों के आह्वान पर जयपुर बंद और 23 अगस्त को छात्रसंंध चुनाव के लिए मतदान के कारण जेएलएन रोड बंद रहा इससे शो में दर्शकों की कमी हो गई। शेष दिनों में आए बायर्स में कोई स्थापित खरीददार नजर नहीं आया। कला बाजार में कारोबार करने की योजना के साथ निकट भविष्य में खुलकर प्रकट होने वाली एक कला दीर्घा की ओर से कुछ खरीददारी के प्रयास जरूर हुए, लेकिन कीमत बहुत कम लगाने के कारण तत्काल कोई बात नहीं बन सकी।
उल्लेखनीय है जयपुर के कला बाजार में पूरी तैयारी के साथ उतरने का जतन कर रही कला दीर्घाओं का ध्यान यहां की सबसे अधिक कारोबार करने वाली उस आर्ट गैलेरी के कारोबार के तरीके पर रहता है जो बंगाल के कलाकारों के काम पर अधिक ध्यान देती है। पिछले दिनों जेकेके में 'ह्यूस ऑफ इंडिया' के नाम से आयोजित शो में भी लगभग 10 बंगाली कलाकारों का काम प्रदर्शित हुआ था और यहां 'ग्रेस ऑफ ऑकेशन' इसी आर्ट गैलेरी की संचालिका थी।
इसके साथ ही थ्रू दी हार्ट आर्ट शो पर जयपुर के कुछ निजी कला संग्रहकों की भी निगाहें जमी थी। इन बायर्स ने स्थापित कलाकारों के बजाय न्यू ब्रश पर पैसा लगाने में अधिक दिलचस्पी दिखाई। उनका मानना है कि स्थापित कलाकारों पर मोटी रकम लगाने और उनके रेट कम हो जाने का जोखिम उठाने से बेहतर है नए कलाकारों पर कम पैसा लगा कर उनके स्थपित होने और काम की कीमत बढऩे का चांस लिया जाए।
शुक्रवार, 15 अगस्त 2014
जेकेके में भारत के रंगों का उत्सव
जयपुर के जेकेके में भारत के रंगों का उत्सव
मूमल नेटवर्क, जयपुर। स्वतंत्रता दिवस पर जयपुर के जवाहर कला केंद्र की कला दीर्घाओं में दो प्रदशर्नियों का शुभारंभ हुआ इनमें एक कोलकाता के चित्रकार संजय मजूमदार और एक अन्य दिल्ली की कलाकार रजनी किरण झा के संयोजन में प्रदर्शित की गई है।भारत के इन्द्रधनुषी रंग
ह्यूस ऑफ इंडिया के नाम से किए गए आयोजन में देश के विभिन्न भागों के 33 चित्रकारों की कलाकृतियों को दो दीर्घाओं में प्रदर्शित किया गया है। इनमें जयपुर के डा. ललित भारतीय और डा. मणि भारतीय के काम शामिल हैं। इस प्रदर्शनी में डा. मणि भारतीय के पल-पल परिपक्व होते जा रहे कोलॉज के साथ डा. ललित भारतीय के कैनवास पर रंगों का नया संयोजन देखने का अवसर है। संजय मजूमदार ने भारतीय पौराणिक मिथकों के जरिए आज की बात कहने का प्रयास किया है तो राजिब देयासी ने ज्यामितिक आकारों से। राखी बैद ने शंख और मयुर पंख के साथ मंदिर की धंटियों और उसी के समकक्ष घुंघरुओं और देव उपस्थिति से अपनी बात कही है। उनीस खान की पेंसिल और स्वाति चटर्जी की सरल रेखाओं से चित्र प्रदर्शनी में कुछ अलग हट कर होने वाले अहसास भी थे।
रंगोत्सव
जवाहर काला केंद्र की सुदर्शन कला दीर्घा में रंगोत्सव के नाम से आयोजित प्रदर्शनी में कुल 15 चित्रकारों की कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं।सभी कलाकारों की कृतियों में जीवन के विभिन्न रंगों को अपने-अपने भाव से कैनवास पर आकार दिया गया हैै। दीर्घा में तीन मूर्ति शिल्प भी सजाए गए हैं इनमें युवा मूर्तिकार विवेक कुमार द्वारा फाइवर ग्लास से रचित बड़े कानों वाले चींखते हुए व्यक्ति की कृति ध्यान आकर्षित करती है।
डा. अर्चना श्रीवास्तव द्वारा विभिन्न पर्व व त्यौहारों के अवसर पर बनाए जाने वाले मांडने और सांझियों को कागज पर जलरंगों से उकेरा गया है। डा. रजनी ने स्वयं कैनवास पर एक्रेलिक से जल, जलज, महिला और मछली के संयोजन को बिहार की मधुबनी कला के इर्दगिर्द बुनकर नया संसार रचा है।
सोमवार, 11 अगस्त 2014
HUES OF INDIA
HUES OF INDIA
EXHIBITION OF VISUAL ART
An exhibition of visual art at JKK JAIPUR, to pay a small tribute to the nation. WE
could gather 33 artist from all over India speaking different languages, practicing
different religion and culture. WE feel proud to present such a diversified enriched
heritage and culture through visual vocabulary. In this connection WE would like to
make humble request to u to kindly come and join this exhibition on 15th August 2014
at 4pm. I solicit your kind presence to grace the occasion.
"HUES OF INDIA " - ABOUT THE EXHIBITION & ARTIST
Golmai is senior artist from Manipur belongs to kabui tribe creates vibration of colourful kabui
dance. Rabindro's canvas is colourful essay about the holy sages of india. most of the face in
his works resemble his self portrait, innocent as well as dynamic. Tuiyarmy is rather painting
on various social causes of his native place. he makes new paper with acrylic on canvas,
speaking louder than words. Swapan Das from Bengal works on spiritual subject. he works
on Buddhist and jain mythology. his figures do radiate light or energy,thus the form gets life.
Eastern Indian artist from west bengal ,cultural capital of india, shows fragrance of their soil.
Arghya Dipta Kar, young artist experiments on tantric art.he creats very contemporary visual
on tantric philosophy. we find shree yantra application and many more symbols of yantra in
his visual. Abhijit Banerjeee pass out of govt college of art too works on durga. his durga has
more melody and lyrical value. colour application is very vibrant with very strong highlight
shows the power and energy of shakti. Rina Roy is master of oriental art works on hindu
mythology. her hues are so very somber can utter spiritual vocabulary. Rajiv Dayashi lives
in westbengal as well as runs a art school, is basically Khairagarh passout. His paintings do
have tantra motif but his flower application do reflect his contemporary thought process. the
paintings have mystic appeal.the dark background with lotus patterns means infinite universal
sectrets to be yet reveled. this is the creation process. Arup is also from kolkata. Vidya
Lakshmi from Chennai creates landscapes with oil on canvas. her landscapes has extraordinary
colour combination, which can easily drive the mind of spectator with myriad fantacy. Dr.
Velmurugan D. is medical practicener by proffessioen but also a great photographer.he loves
to freeze the motion of nature with his still camera.his photography on wild life is a definite
visual delight for the spectators.he has created a niche in photography. Shreepathy from
tirupati is a very welknown tanjore painter as well as lyric writer in telegu films. his recent
contemporary works already paved niche in the art world.his mythological subject can easily
convey some social message.
Rana Anjum is from hyderbad. her simplicity in her form and ability to use vibrant hues makes
her works very individulistic. Chandana khan is the special chief secretary of Hyderabad, is
also welknown visual artist, poet, author. she is very dynamic and multifaceted lady. she plays
with colour and form in very innocent manner,reminds me of paul klee.most of her works
show folk derivation. From the western india I have artist Swati chatterjee and Rakhi baied
from Mumbai. Rakhee Baid works mainly on krishna .her works reflects mother and child
affection.she has already exhibited her works in various gallery.her works are in collection
with several art connoisseur across the globe. Utpal maumdar from pune is well known for
his energetic horses. horses symolise men power and human passion.horses are auspicious to
many community across the globe.moreover I see melancholy of myriad colours that he
applies on the canvas. Shubhanghiji makes cosmic drama on the canvas.her works can be
analytically viewed as it has got fathom deep perspective. Anand is delhi based artist ,loves to
create essay of colours on canvas.he creates amazing texture which generates surface that
results optical illusion. Abdul kalim’s works have little cubic influence but his subject is derived
from regular day to day life. Gauri Sahniji reputed senior artist from delhi. her subject is
mostly spiritual, as she visualises the hindu mythology in modern arena. some of her works
shows Vishnu or sumtimes just the lotus to symbolize. Lakshmi P. mittal paints with acrylic on
canvas,has her own style to express her personal feelings.her works sometime are very
conceptual,may deal with human psyche, some times innocent play of colours. Unis Khan is
very versatile artist. he keeps social message for the so called civilized people. he boldly
expressed the male chauvinism. Vincent is well known sport personality is also BFA in from
CHITRA KALA PARISAT BANGLORE. his works are no doubt sport based. he freeze the sporting
action in his canvas/paper. some of his painings so powerful that it seems to jump out of his
canvas.recently I find him working on Indian style dance. Sanjoy Majumder is microbiology
graduate and self taught artist. he has blended the science and mythology on canvas. recently
he started kali series. here he has created satire towards society,with symbolic kali. Rajeev
Semwal is young engrgtic and a very passionate painter.his command over the liner
perspective is so high that he need no much colour to express his thought process.his ecstasy
generates fantasy which he represents symbolically.women are predominant subject of his
works and feminism reflects from few of his creation.
I am proud to present two very important artists from JAIPUR, Dr. Lalit Bhartiya and Dr.
Mani Bhartiya. Dr. Mani Bhartiya is collage artist needs no introduction. her collage depicts
landscapes.she also works on the burning social issues,like rejection of old people,old culture
etc. Dr. Lalit Bhartiya paints on canvas very primitive subjects.some of his works shows marks
of ancient cave paintings of BUNDI at Rajasthan.his command over strokes and colour shows
his skill in draftsmanship, which is now so rare.
SANJOY MAJUMDER, KOLKATA (CURATER AND CONCEPTUALIZER) MOB.08981148782
DR. LALIT BHARTIYA (LOCAL REPRESENTATIVE OF EXIBITION) MOB. 9829014153
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