शुक्रवार, 23 अप्रैल 2010

ये सिंकोले क्या है?

चित्रकला की दुनिया में एक नया शब्द आया है 'सिंकोले'। यह एक चाइनिज शब्द है, जिसका भावार्थ है, 'सिं' अर्थात कोलाज की तरह तकनीक। और 'कोले' का अर्थ होता है चिपकाना या पेस्ट करना। गोंद के स्पे्र द्वारा लिथो या जिंग प्लेट पर सिंकोले किया जाता है। इस क्षेत्र में जहां एक ओर दिल्ली के कलाकार देवराज डोकोजी विशेषज्ञता रखते हैं, वहीं राजस्थान के जयपुर में एकमात्र छात्र कलाकार गौरी शंकर जांगिड़ इस तकनीक पर कार्य कर रहें हैं। यहां प्रस्तुत है सिंकोले तकनीक से निर्मित एक कृति।

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