एशियन आर्ट शो में जयपुर के
विद्यासागर उपाध्याय एवं विनय शर्मा
के चित्र प्रदर्शित
दिल्ली के आईफैक्स कला दीर्घाओं में आरम्भ हुए एशियन
आर्ट शो में जयपुर के वरिष्ठ चित्रकार डॉ. विद्यासागर उपाध्याय एवं
विनय शर्मा की कृतियाँ दर्शको को आकर्षित कर रही है । दिनांक 17
फरवरी को कोरियन कल्चर सेन्टर, नई दिल्ली के निदेशक किम कुंम
प्योंग ने प्रदर्शनी का उद्घाटन किया ।
कोरिया की प्रसिद्ध कला पत्रिका “मैगजीन आर्ट “ द्वारा कोरियन कल्चर
सेन्टर के सहयोग से आयोजित इस प्रदर्शनी में कोरिया, भारत, चीन एवं
बंगला देश के कलाकार भाग ले रहे है । 100 कलाकारों के चित्रों
की प्रदर्शनी में भारत के 14 कलाकार, कोरिया के 80, बंगलादेश के
4 एवं चीन के दो कलाकारों को आंमत्रित किया गया है । यह प्रदर्शनी
दिसम्बर में साऊथ कोरिया के डे जोन शहर में होने वाले
इन्टरनेशनल आर्ट फेयर में लगाई जायेगी ।
डॉ. विद्यासागर उपाध्याय के एक्रेलिक माध्यम से बने कैनवास पर रंगांे
की सिम्फनी को रोचक तरीके से दर्शाया है । रंगों की फ्रीडम का
अहसास उनके चित्रों में देखने को मिलती है । प्रफुल्लित रंग मानो
कैनवस पर कोई राग सुना रहे हों ।
वहीं विनय शर्मा अपनी चिर परिचित शैली में भाषा की दरखत
कैनवास पर उतार समृद्ध भारतीय साहित्य की बानगी कैनवास पर दर्शाई है ।
पुराने हस्तलिखित खतों को कैनवस पर हल्के गहरे रंगांे से उकेर गुजरे
समय की स्मृतिों को दर्शाया है ।
विनय शर्मा के चित्र कोरिया में प्रदर्शित
दिनांक 18 फरवरी से 27 फरवरी तक इण्डियन कल्चर सेन्टर सियोल -
साऊथ कोरिया में जयपुर के विनय शर्मा के चित्र प्रदर्शित किये जा रहे है ।
इस प्रदर्शनी में कुल बीस कलाकारों की कृतियाँ दिखाई जा रही है
इनमें 9 भारतीय एवं 11 कोरियन कलाकार है ।
कोरिया इण्डिया कन्टम्परेरी आर्टिस्ट एसोसियेशन के सहयोग से आयोजित इस प्रदर्शनी मंे विनय शर्मा ने विशेष रूप से तैयार किये हैण्डमेड पेपर पर पुराने हस्तलिखित हैण्डमेड को पारदर्शिता से दिखाया है । विनय अपने पेपर का निर्णय स्वयं करते है एवं परत-दर-परत उसमंे पारदर्शिता दिखाते हैं । एैसा प्रतीत होता है मानो अक्षर झरोखों से देख रहे हो । पुरानी भारतीय जीवन पद्धति के साक्षी बनते विनय शर्मा के चित्र दर्शकों को अपनी और आकर्षित करते है । ऐसा प्रतीत होता है मानो गुजरे समय को वे अपने चित्रों में समेटना चाहते हों ।
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