2100 कन्याओं का वंदन पूजन
मूमल नेटवर्क, जयपुर।हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा मेले के दूसरे दिन कन्या वंदन कार्यक्रम हुआ। इस अवसर पर सवाई माधोपुर विधायक दीया कुमारी मुख्य अतिथी के रूप में उपस्थित थीं। अपने प्रबोधन में दीया कुमारी ने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से हमारी नई पीढ़ी में अच्छे संस्कारों का निर्माण होता है। संस्थापिका, शक्ति पीठ जामडोली साध्वी समदर्शी ने कहा कि इस महाअभियान में समाज को भी साथ जुड़कर संस्कृति संरक्षण का कार्य करना चाहिए। साध्वी सुहृदया, सुशीला, सोनिला, किन्नर अखाड़ा के धर्म गुरु पुष्पा मायी, डॉ. रचना दास, डॉ. वसुधा सक्सेना, डॉ. पूजा अग्रवाल, समाजसेवी विमल सुराणा, मधु शर्मा ने मंच साझा किया। हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा फाउंडेशन के सचिव सोमकांत शर्मा ने सभी बच्चों को शपथ दिलाते हुए भारतीय संस्कृति से जुड़कर जीवन जीने की सीख दी। संस्था के सभी पदाधिकारियों ने सामूहिक रूप से मंच पर कन्या वंदन किया। कन्या वंदन कार्यक्रम के प्रभारी कोमल चौहान ने बताया कि कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक सनातन संस्कृति से जुड़कर लगभग 5000 बच्चों ने हिस्सा लिया।
इस अवसर पर सीतापुरा निवासी 6 वर्षीय तबला वादक सिदार्थ ने तिरकिट की प्रस्तुति दी, वहीं आकांक्षा और वर्षा ने शास्त्रीय संगीत पर आधरित भजनों की प्रस्तुति देकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मेले में प्रकृति से संस्कृति की ओर प्रयास आर्ट फेस्टिवल के बैनर तले स्कूली स्तर पर चित्रकला प्रतियोगिता में विभिन्न स्कूलों के सात सौ छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। कक्षा 6 से 12वीं तक के विद्यार्थियों ने मुख्य रूप से छह विषयों में आधारित रंग-बिरंगी चित्राकृतियां बनाईं। इनके साथ सैकड़ों चित्रकारों ने अपने हाथ का हुनर दिखाया। शनिवार सुबह 11 से शाम 5 बजे तक कॉलेज डिप्लोमा स्तर पर चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित होगी।
हेरिटेज गांव में राजस्थानी परंपरा लगभग लुप्त हो चुके ठेठ राजस्थानी परम्परा के भजनों लोक गीतों का प्रस्तुतिकरण हुआ।
मूमल ने दर्शाया अनछुआ राजस्थान
मूमल के स्टॉल पर राजस्थान के उन अनछुए स्थानों व उससे जुड़े इतिहास व कला पक्ष के बारे में बताया जा रहा है जो आज तक अधिकांक्ष लोगों की नजरों में नहीं आ पाये हैं। इसके साथ संस्कृत की बहुमूल्य पुस्तकों का भी प्रदर्शन किया जा रहा है।
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