डॉ. अनुपम भटनागर
डॉ. अनुपम भटनागर का नाम आते ही उस साहसी चित्रकार की छवि आखों के आगे तैर जाती है जो अपनी पेंटिंग्स में बिना किसी हिचक के लाल, काला, पीला, नीला सफेद रंग का इस्तेमाल करता है। साहसी रंगों पर रेखाओं का लयात्मक प्रयोग अनके चित्रों में अजीब सा सम्मोहन पैदा कर किसी को भी अपनी ओर खींचने की क्षमता रखता है। ब्राइट रंगों के प्रयासेग के बाद भी उनके चित्रों में ऑखों को अच्छी लगने वाली शीतलता रहती है। यह प्रभाव नि:संदेह उनके चित्रों के श्रेष्ठ संयोजन का है। जिनमें रंगों की ब्राइटनेस के साथ कंट्रास ओर रेखाओं का प्रयोग शामिल है। उनके अधिकांश चित्रों में प्रकृति दर्शन नजर आता है। प्रकृति की हूबहू कॉपी के बजाय डॉ. भटनागर की रुचि प्रकृति की गूढ़ता को अपने अंदाज में अंकित करने की है।
सन् 1955 में उत्तर प्रदेश के हापुर में जन्में डॉ भटनागर ने कई वर्षों तक अजमेर के डीएवी कॉलेज में ड्राईंग व पेंटिंग डिपारटमेंट के प्रमुख पद पर कार्य करते हुए अपने छात्रों को बेहतरीन कलाकार बनाया। इसके बाद बांसवाड़ा के एसजीजी राजकीय कॉलेज में हैड ऑफ दि डिपार्टमेंट ऑफ ड्राईंग एण्ड पेंटिंग के पद पर नियुक्ति हुई। यहीं से सेवानिवृत हुए और अब अपने पूरे समय के साथ कला की सेवा में जुटे हैं।
डॉ. अनुपम भटनागर का नाम आते ही उस साहसी चित्रकार की छवि आखों के आगे तैर जाती है जो अपनी पेंटिंग्स में बिना किसी हिचक के लाल, काला, पीला, नीला सफेद रंग का इस्तेमाल करता है। साहसी रंगों पर रेखाओं का लयात्मक प्रयोग अनके चित्रों में अजीब सा सम्मोहन पैदा कर किसी को भी अपनी ओर खींचने की क्षमता रखता है। ब्राइट रंगों के प्रयासेग के बाद भी उनके चित्रों में ऑखों को अच्छी लगने वाली शीतलता रहती है। यह प्रभाव नि:संदेह उनके चित्रों के श्रेष्ठ संयोजन का है। जिनमें रंगों की ब्राइटनेस के साथ कंट्रास ओर रेखाओं का प्रयोग शामिल है। उनके अधिकांश चित्रों में प्रकृति दर्शन नजर आता है। प्रकृति की हूबहू कॉपी के बजाय डॉ. भटनागर की रुचि प्रकृति की गूढ़ता को अपने अंदाज में अंकित करने की है।
सन् 1955 में उत्तर प्रदेश के हापुर में जन्में डॉ भटनागर ने कई वर्षों तक अजमेर के डीएवी कॉलेज में ड्राईंग व पेंटिंग डिपारटमेंट के प्रमुख पद पर कार्य करते हुए अपने छात्रों को बेहतरीन कलाकार बनाया। इसके बाद बांसवाड़ा के एसजीजी राजकीय कॉलेज में हैड ऑफ दि डिपार्टमेंट ऑफ ड्राईंग एण्ड पेंटिंग के पद पर नियुक्ति हुई। यहीं से सेवानिवृत हुए और अब अपने पूरे समय के साथ कला की सेवा में जुटे हैं।
Mood of Nature-1 9x12" AOC by Dr. Anupam |
Mood of Nature-2 9x12" AOC by Dr. Anupam |
Mood of Nature-3 9x12" AOC by Dr. Anupam |
Mood of Nature-4 9 x 12" AOC by Dr. Anupam |
Mood of Nature-5 12 X 9" AOC by Dr. Anupam |
Mood of Nature-6 9 x 12" AOC by Dr. Anupam |
Mood of Nature-7 9 x 12" AOC by Dr. Anupam |
Mood of Nature-8 9 x 12" AOC by Dr. Anupam |
Mood of Nature-9 9 x 12" AOC by Dr. Anupam |
Mood of Nature-10 9 x 12" AOC by Dr. Anupam |
Mood of Nature-11 9 x 12" AOC by Dr. Anupam |
Mood of Nature-12 9 x 12" AOC by Dr. Anupam |
Mood of Nature-13 9 x 12" AOC by Dr. Anupam |
Mood of Nature-14 9 x 12" AOC by Dr. Anupam |
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